सीआरपीएफ जवान की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका खारिज      

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीआरपीएफ रामपुर के हवलदार ड्राइवर शाहिद अली की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।   याची का तबादला किया गया और उसने ज्वाइन नहीं किया। लगातार गैर हाजिर रहने पर विभागीय जांच में बुलाये जाने पर हाजिर नहीं हुए।

Update: 2019-04-11 14:24 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीआरपीएफ रामपुर के हवलदार ड्राइवर शाहिद अली की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। याची का तबादला किया गया और उसने ज्वाइन नहीं किया। लगातार गैर हाजिर रहने पर विभागीय जांच में बुलाये जाने पर हाजिर नहीं हुए।

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जांच रिपोर्ट पर दंड लगाये जाने पर भी याची ने पक्ष नहीं रखा और एकपक्षीय जांच कर बर्खास्त कर दिया गया। यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि बचाव का मौका नहीं दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों को विभागीय कार्यवाही में नहीं रखा और पहली बार हाईकोर्ट में उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

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कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने हवलदार ड्राइवर शाहिद अली की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता गौरव कुमार चंद ने प्रतिवाद किया। याची की नियुक्ति 1980 रामपुर में कान्सटेबल पद पर हुई और पदोन्नति पाते हुए हवलदार ड्राइवर पद पर पहुँचा।

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उसे 62 बटालियन कुमार घाट नार्थ त्रिपुरा में भेजा गया और वह गैर हाजिर रहा। विभाग ने कदाचार व कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने पर बर्खास्त कर दिया।

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