हाथरस कांड में नया मोड़: सावधान रहें सोशल मीडिया पर, एक दर्जन FIR दर्ज
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में पीड़ित परिवार की शिकायत पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति भी कर दी गई है।;
लखनऊ। हाथरस में हाल में एक दलित युवती के साथ बलात्कार की घटना के बाद राज्य पुलिस ने कहा कि हाथरस में हुई घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में कुल 6 मामले दर्ज किए गये है।
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया- प्रशांत कुमार
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में पीड़ित परिवार की शिकायत पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति भी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जातीय सदभाव बिगाड़ने और प्रदेश का माहौल खराब करने और कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए पीड़ित के गांव के आस पास तथ्यहीन, झूठी बाते फैलाई गई, इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
हाथरस के चंदपा थाना में एक मुकदमा दर्ज
अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हाथरस के चंदपा थाना में एक मुकदमा दर्ज किया गया है जहां कुछ अराजक तत्वों ने पीड़ित परिवार को भड़काने, उन्हें 50 लाख रुपये देने का प्रलोभन देने और प्रदेश की शांति बिगाड़ने का मामला सामने आया था।
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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने में 13 एफआईआर दर्ज
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में अयोध्या, लखनऊ समेत कई जिलों में कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ दलित युवती के परिजनों को तरह तरह की धमकियां मिलने के बाद स्थानीय प्रषासन ने पीडिता के परिजनों के घर के बाहर पीएसी के जवान सुरक्षमें लगाए गए हैं।
पीड़िता के परिवार को सुरक्षा
इसके अलावा पीड़िता के भाई को दो पुलिस कर्मियों को भी लगाया गया है जो आगे पीछे रहते हैं। इसके अलावा एक मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया है। बताया गया है महिला सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया गया है। पूरे गांव में में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए 15 पुलिस के जवान, 3 एसएचओ भी 24 घण्टे की ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं।
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जांच के लिए एसआईटी का गठन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके पहले इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करा चुके हैं जो अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर उन्हे सौंपेगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम मामले की जांच कर रही है।