रोती रही दलित विधवा: पुलिस ने तो बंद कर लिए कान, गजब जौनपुर का हाल
पीड़िता ने तहरीर मे कहा है कि सभी लोग घर में घुस कर मारे पीटे और कपड़े फाड़ कर अर्ध नग्न कर दिया था। थाना प्रभारी चन्दवक पीड़िता के साथ न्याय करने कै बजाय उसे थाने से डांट कर भगा दिया।
जौनपुर: दबंगो के उत्पीड़न की शिकार गरीब दलित विधवा विगत एक सप्ताह से अपने साथ घटित घटना के लिये न्याय पाने के लिये थाना पुलिस एवं उच्चाधिकारियों की चौखट पर एड़ियां रगड़ रही है लेकिन किसी भी स्तर से दबंगो के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही का न होना पुलिस प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा है।
ये भी पढ़ें:कुपोषित बच्चों को मिलेगा देशी घी और सूखा दूध- बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग
घटना के बाबत शोसल मीडिया पर वायरल वीडियो से स्पष्ट हो रहा है दबंगो ने दलित महिला के साथ जमीनी विवाद को लेकर किस तरह की मारपीट एवं उत्पीड़न किया है लेकिन इलाके की थाना पुलिस पीड़िता के साथ न्याय करने कै बजाय थाने से डांट कर भगा दिया क्योंकि उसे इस गरीब से कुछ धन मिलने की संभावना नहीं है।
कई लोगों ने गरीब दलित की जमीन पर कब्जा करने गये थे
यहाँ बतादे कि तहसील केराकत स्थित थाना चन्दवक क्षेत्र के ग्राम बलुआ विजयीपुर की यहाँ की निवासिनी दलित कुमारी देवी विधवा स्व. प्रभुदयाल की जमीन पर गांव के कुछ दबंगो की नजर गड़ गयी। विगत 3 नवम्बर 20 को दबंग समाधीन, सलीम, आदि कई लोगों ने गरीब दलित की जमीन पर कब्जा करने गये थे। दलित विधवा ने उन्हें रोका तो उपरोक्त दबंग अपने साथ महिलाओं को लेकर दलित महिला को मारने पीटने लगे यहाँ तक कि उसके कपड़े आदि फाड़ कर उसे नंगा करने का भी कुत्सित प्रयास किया। पूरी घटना को एक पड़ोसी ने वीडियो मे कैद कर लिया।
पीड़िता ने घटना के बाबत थाना चन्दवक में पहुंच कर पूरी घटना के संदर्भ में लिखित तहरीर दिया। जिसमें महिला ने मारपीट के साथ अपने गले में पहनी एक चांदी की चैन छीनने का भी आरोप लगाया था। पीड़िता ने समाधीन ,सलीम व शाहजहाँ सहित चार लोगों को नामजद किया है।
सभी लोग घर में घुस कर मारे पीटे और कपड़े फाड़ कर अर्ध नग्न कर दिया था
पीड़िता ने तहरीर मे कहा है कि सभी लोग घर में घुस कर मारे पीटे और कपड़े फाड़ कर अर्ध नग्न कर दिया था। थाना प्रभारी चन्दवक पीड़िता के साथ न्याय करने कै बजाय उसे थाने से डांट कर भगा दिया। पीड़िता का आरोप है कि थानेदार दबंगो से मिल गये है। पीड़िता ने इस घटना के बाबत न्याय पाने के लिये पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को भी पत्र भेजा है लेकिन किसी भी स्तर से इस दलित को न्याय नहीं मिल सका है।
ये भी पढ़ें:सीमा विवाद: क्या चीन ने IND के आगे घुटने टेक दिए हैं? सरकार के इस बयान से समझें
जो भी हो लेकिन इस घटना ने एक बार फिर पुलिस के भ्रष्ट चेहरे को उजागर किया है। सवाल यह उठता है कि इस गरीब दलित महिला के साथ न्याय हो सकेगा अथवा धन बल के आगे न्याय घुटनों के बल नतमस्तक हो जायेगा।
रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।