दलित परिवार ने मुख्यमंत्री से मांगी इच्छामृत्यु, तैयार फसल अधिकारियों ने कर दी नीलाम

दलित परिवार ग्राम समाज से मिली जमीन पर पिछले 30 साल से खेती करके गुजर बसर कर रहा है। इस साल भी कन्हैया ने कुछ कर्ज और रात दिन मेहनत करके गेहूं की फसल तैयार की थी। लेकिन पुलिस ने फसल काटने से रोक दिया और बताया कि अब यह खेत किसी और के नाम हो गया है।

Update:2017-04-17 21:59 IST

हरदोई: दो पीढ़ियों की जमीन। मेहनत से की गई जुताई, बुआई और सिंचाई। फिर रात दिन की देखभाल करके पूरे परिवार ने फसल को काटने लायक बनाया। लेकिन तभी पुलिस पूरे परिवार को थाने ले गई। बताया गया कि अधिकारियों ने अब यह तैयार फसल और खेत किसी और के नाम नीलाम कर दिया है। हैरान-परेशान किसान क्या करे? इसलिए उसने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर इच्छामृत्यु की मांग की है।

छिन गया आसरा

गांव के प्रधान और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से लूट कोई नई बात नहीं है।

इस लूटखसोट का शिकार गांव के गरीब और अनपढ़ किसान-मजदूर ही होते हैं।

ऐसा ही मामला है हरदोई के मुहीपुरी गांव का जहां दलित कन्हैयालाल अपने दो भाइयों और चार बेटों के साथ रहते हैं।

पूरा परिवार ग्राम समाज से मिली जमीन पर पिछले 30 साल से खेती करके गुजर बसर कर रहा है।

इस साल भी कन्हैया ने कुछ कर्ज और रात दिन की मेहनत से गेहूं की फसल तैयार की थी।

लेकिन फसल काटने पहुंचा तो पुलिस ने रोक दिया और बताया कि अब यह खेत किसी और के नाम हो गया है।

गांव के प्रधान ने एसडीएम से मिल कर किसी अपने के नाम नीलामी लिखवा ली है।

इच्छामृत्यु की मांग

थाना प्रभारी ने माना कि कन्हैया यहां 30 साल से खेती कर रहा था, और उसने ही फसल बोई है।

लेकिन उन्होंने कहा कि अब फसल नीलाम हो चुकी है, इसलिए परिवार को फसल काटने से मना कर दिया गया है।

इस परिवार के पास खेती के अलावा जीने का कोई दूसरा सहारा नहीं है।

ऐसे में परिवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इच्छामृत्यु की मांग की है।

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