लखनऊः गाय मारने के आरोप में गुजरात और मध्यप्रदेश में मारपीट की घटनाओं का सिलसिला बढ़ते-बढ़ते अब लखनऊ तक आ पहुंचा है। गुरुवार शाम को तकरोही इलाके के चांदन गांव में कुछ युवकों ने पशुओं के शव निस्तारित करने वाली कंपनी के दो दलित कर्मचारियों को जमकर पीटा। दोनों ने भागकर जान बचाई। कंपनी के ठेकेदार ने शुक्रवार को नगर निगम में शिकायत करते हुए सुरक्षा न मिलने पर काम बंद करने की धमकी दी है।
क्या है मामला?
-मरने वाले पशुओं को शहर से बाहर निस्तारित करने का ठेका लखनऊ नगर निगम ने निजी एजेंसी को दिया है।
-एजेंसी के ठेकेदार इलियास के मुताबिक उनके कर्मचारी विद्यासागर और छोटे मायावती कॉलोनी और सूर्यनगर से दो मरी गायों की लाशें कुर्सी रोड स्थित जंगल की ओर ले जा रहे थे।
-चांदन गांव के 20 से ज्यादा युवकों ने उन पर हमला कर जमकर पिटाई की। गोकशी करने का आरोप लगाया।
-विद्यासागर और छोटे ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
डरे हुए हैं दोनों कर्मचारी
-सीतापुर के बिसवां के रहने वाले विद्यासागर के पिता भी पशुओं को ठिकाने लगाने का काम करते थे।
-विद्यासागर के मुताबिक ऐसा कई बार पहले भी हो चुका है।
-पीड़ित छोटे के मुताबिक गाय या भैंस की खाल निकालकर ही उनकी रोजी चलती है।
-दोनों हर महीने 6 से 7 हजार रुपए ही कमा पाते हैं।
-विद्यासागर और छोटे के मुताबिक दूसरा काम मिल जाए तो इस काम को वे कतई नहीं करेंगे।
नगर निगम का क्या है कहना?
-नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार राव ने कहा कि ये मामला सामने आया है।
-नगर आयुक्त के संज्ञान में मामला लाया गया है। ठेकेदार से लिखित शिकायत लेकर कार्रवाई की जा रही है।
-कर्मचारियों को परिचय पत्र भी जारी किए जा रहे हैं।
फोटोः पीटा गया दलित विद्यासागर