Dark Days Of Emergency: आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला अध्याय- लल्लू सिंह

Dark Days Of Emergency: अयोध्या में भाजपा ने आज आपातकाल की वर्षगांठ को काला दिवस के रूप में मनाया।

Report :  NathBux Singh
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-06-25 15:35 GMT

आपातकाल की वर्षगांठ

Dark Days Of Emergency: भाजपा ने आज आपातकाल की वर्षगांठ को काला दिवस (Dark Days Of Emergency) के रूप में मनाया। इस दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष तथा जेल यात्रा करने वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानियों (Democracy Defender Fighters) को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यकताओं तथा पदाधिकारियों ने काला मास्क (Black Mask) पहन कर आपातकाल का विरोध किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी पद्मसेन चौधरी (Padmasen Chowdhury) रहे।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पद्मसेन चौधरी ने कहा कि अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए 25 जून 1975 की रात में हिन्दुतान में आपातकाल लगा कर इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने अनैतिक रूप से अपनी कुर्सी बचाई। नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर विरोधी नेताओं व कार्यकताओं को जबरन फर्जी मुकदमों में जेलों में ठूस दिया गया। स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई के रूप में लोकतंत्र रक्षक सेनानियों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, जिसके बदौलत पुनः लोकतंत्र की स्थापना हो सकी।

'लोकतंत्र की रक्षा के लिए सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया'

सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला अध्याय है। कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र व विरोध में उठने वाले स्वर को सत्ता के बल पर रौंद दिया था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। सरकार की यातनाएं उनके संकल्पों के आगे बाधा नहीं बन पायी।

आपातकाल में मिले अमानवीय कष्ट- अनिल तिवारी

पूर्व मंत्री अनिल तिवारी ने कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार द्वारा दी गयी यातनाओं की याद करने के बाद आज भी रुह कांप जाती है। आपातकाल में मिले अमानवीय कष्टों को सहने के बाद भी लोकतंत्रसेनानी कभी विचलित नहीं हुए।

'अहंकारी सत्ता पक्ष ने तत्समय लोकतंत्र की हत्या की थी'

विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अहंकार में देश में आपातकाल थोपकर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। लोकतंत्र सेनानियों द्वारा किये गये संघर्ष के परिणाम स्वरुप सरकार को भी झुकना पड़ा। महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने कहा कि इमरजेंसी की घटना को कई दशक बीत जाने के बाद आज भी उसकी यादें ताजा है। अहंकारी सत्ता पक्ष ने तत्समय लोकतंत्र की हत्या की थी।

जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि यह संघर्ष का वह दौर था जब अमानवीय यातनाओं के बाद भी विरोध के स्वर सत्ता के खिलाफ उठ रहे थे। इस संघर्ष में जीत अंत में जनता की हुई।

इस दौरान लोकतंत्र सेनानियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करने के साथ पट्टिका ओढ़ाकर व माल्यापर्ण करके सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में सांसद लल्लू सिंह, पूर्व मंत्री अनिल तिवारी, कमलाशंकर पाण्डेय, आदित्यनारायन मिश्रा समेत अन्य लोग शामिल रहे। 

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