Etawah Safari Park: आधा दर्जन काले हिरणों की मौत से हड़कंप, प्रबंधन ने साधी चुप्पी
Etawah Safari: एक सप्ताह में कई काले हिरणों की मौत का मामला सामने आया है। मगर, प्रबंधन पूरी तरह से मौन है। सफारी प्रबंधन 'सब कुछ ठीक है' ऐसा दिखाने की कोशिश में जुटा है।
Etawah Safari Park : इटावा सफारी पार्क में आधा दर्जन से अधिक काले हिरणों की मौत का मामला सामने आया है। लेकिन, सफारी प्रबंधन तीन हिरणों की सामान्य मौत बताकर घटना दबाने में जुटा हुआ है। सफारी अधिकारी इस बात की पुष्टि करने से बचते नजर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीते एक हफ्ते में आधा दर्जन काले हिरण की मौत अनजान कारणों से हो चुकी है। सफारी अधिकारी मीडिया से बात करने से भी परहेज कर रहे हैं।
एक सप्ताह में कई काले हिरणों की मौत का मामला सामने आया है। मगर, इसे लेकर सफारी प्रबंधन पूरी तरह से मौन है। पूरे घटनाक्रम पर मिट्टी डालकर सफारी प्रबंधन 'सब कुछ ठीक है' ऐसा दिखाने की कोशिश में जुटा है। सफारी के अधिकारी विनीत सक्सेना से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने काले हिरण की मौत की बात को सिरे से नकार दिया है। और खबर चलाने वालों के ऊपर मुकदमा लिखवाने की धमकी देते नजर आए।
पार्क के निदेशक एस एन मिश्रा ने बताया कि 'सफारी की एंटीलोप सफारी में तीन काले हिरण की मौत हुई है। जो स्वाभाविक मौत है। सभी का पोस्टमार्टम कराया गया है। एंटीलोप सफारी की निगरानी बढ़ा दी गई है। इन मौतों के पीछे क्या वजह है, स्पष्ट नही है। तेंदुआ, जंगली जानवर, बिल्ली के हमले से भी मौत होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।'
यह पहली घटना है कि जब काले हिरण की मौत सफारी में हुई है। काला हिरण केंद्रीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल -1 श्रेणी का जानवर है। ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि एक हफ्ते में तेंदुए के हमले में आधा दर्जन काले हिरण की मौत हो चुकी है। एंटीलोप सफारी में तेंदुए के घुस आने के बाद किये गये शिकार से मौत होने की प्रबल आशंका जताई जा रही है। जब सफारी प्रबंधन ने काले हिरणों की इन मौतों को स्वाभाविक मौत बता रहे है। यह घटना एक सप्ताह से घटित हो रही है। लेकिन सफारी प्रशासन इनकी संख्या तीन ही बता रहा है। हिरनों का पोस्टमार्टम कराया गया है लेकिन पोस्टमार्टम में इनकी मौत का कारण आंतरिक चोट आपस में लड़ने के कारण व सेप्टीसीमिया बीमारी बताया गया है।
काले हिरनों की मौत को लेकर सफारी प्रशासन अलर्ट मोड मे चला गया है । पूरे एंटी लोप सफारी में निगरानी बढ़ दी गई है। तेंदुए के होने की आशंका को लेकर नाइट विजन कैमरे लगाए गए हैं। रात की गश्त कर्मचारियों की ओर से गश्त किया जा रहा है । सफारी अधिकारी लगातार निगरानी करने मे जुटे हुए है ।
यह कोई पहला मौका नही है जब सफारी मे तेदुआ इस तरह से घुसा हो इससे पहले भी 2019 में दिसंबर माह में तेंदुआ सफारी के बफर जोन में आया गया था। उस समय यमुना के जंगल से आने की बात पुष्टि हुई थी। जिसको सफारी के अधिकारियों ने बड़ी मशक्कत के बाद पिंजड़ा लगाकर पकड़ा था और उसको दुधवा नेशनल पार्क में ले जाकर छोड़ दिया था। एक बार फिर से तेंदुए के घुसने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सफारी प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए के कोई चिह्न पंजे के नहीं मिले हैं फिर भी वे तेंदुआ या जंगली बिल्ली होने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे।