लखनऊ: यूपी साढ़े तीन मुख्यमंत्रियों वाला राज्य है। इस बात की पुष्टि एक बार फिर हो गई है। यूपी के मुख्य सचिव(सीएस) पद पर 1982 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक सिंघल की नियुक्ति ने एक बार फिर सीएम अखिलेश यादव की सरकार चलाने में कमजोर स्थिति को उजागर कर दिया। सीएम प्रवीर कुमार को सीएस की कुर्सी पर बैठाना चाहते थे विदेश जाने के पहले उन्होंने प्रवीर को कार्यवाहक सीएस नियुक्त भी कर दिया था।
दीपक सिंघल के सीएस बनाए जाने से राजनीति और नौकरशाही में इस बात की जोरदार चर्चा है कि सीएम की सपा अध्यक्ष मुलायम,सिंचाई मंत्री और चाचा शिवपाल सिंह यादव, दूसरे चाचा रामगोपाल यादव के सामने एक नहीं चली। इन चाचाओं में अब तो एक और नाम जुड़़ गया है अमर सिंह का।
अब तो लोग ये खुलकर कह रहे हैं कि सीएस की नियुक्ति में सीएम अखिलेश यादव चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए और मन मसोस कर रह गए। दीपक सिंघल, को सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव का विश्वास मिला हुआ है। या यों कहें कि उनके खास अधिकारी माने जाते हैं। इस पद को पानेे में उन्हें अमर सिंह का भी सहारा मिल गया। लंबा समय नहीं हुआ जब दीपक सिंघल का नाम अमर सिंह के विवादित टेप में भी आया था।
राजनीति और नौकरशाही में लोग जानते हैं कि मुख्य सचिव पद पर आलोक रंजन के 30 जून को अवकाश ग्रहण करने के बाद सीएम अखिलेश यादव कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार को चाहते थे। विदेश जाने के पहले उन्होंने कार्यवाहक सीएस नियुक्त भी कर दिया था। प्रवीर कुमार को भी लग रहा था कि सीएम के विदेश से आने के बाद उनकी नियुक्ति स्थाई हो जाएगी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इसबीच क्या क्या गुल खिलेंगे।
सीएम आलोक रंजन के काम करने की क्षमता जानते हैं इसलिए अवकाश ग्रहण करने के बाद उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया है। आलोक रंजन सीएम के 24 ड्रीम प्रोजेक्ट के प्रभारी हैं।
सिंघल का सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के तीन चार दिन पहले दिल्ली जाने के दौरान उनकी बगल की सीट पर बैठकर मिन्नतें करने और पानी तक पिलाने की तरकीब काम आ गई। इस पूरे नजारे को प्लेन में यात्रा कर रहे अन्य पैसेंजर्स ने भी देखा था।