यूपी का घोटालेबाज IAS: ढाई करोड़ का लगाया चूना, धोखाधड़ी का केस दर्ज
पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल पर भी धोखाधड़ी का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में उनके खिलाफ ढाई करोड़ के घोटाले की साजिश का केस दर्ज किया गया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के दो आईपीएस अधिकारियों पर हाल ही में रंगदारी और घूसखोरी का आरोप लगने के बाद दोनों को योगी सरकार ने जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया है तो वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल पर भी धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में उनक खिलाफ ढाई करोड़ के घोटाले की साजिश के चलते केस दर्ज किया गया। पूर्व मुख्य सचिव के साथ उनके दामाद पर भी केस दर्ज हुआ है।
यूपी के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल पर दिल्ली पुलिस ने केस किया दर्ज
दरअसल दिल्ली में रोहिणी सेक्टर 13 निवासी संजय अग्रवाल ने यूपी के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद दीपक अग्रवाल पर ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज करवाया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के कई विभागों में कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे पैसा लिया गया।
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कारोबारी को ढाई करोड़ का लगाया चूना
मामले में जांच के बाद उनपर पूर्व अधिकारी पर केस दर्ज हुआ। संजय अग्रवाल ने बताया कि नेताजी सुभाष प्लेस में उनका इंपोर्ट एक्सपोर्ट का दफ्तर है। दीपक सिंघल के साथ उनकी पहले से ही जान-पहचान है।
2017 में दीपक सिंघल की संजय अग्रवाल से मुलाक़ात हुई, इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके दामाद की आरडी पेपर्स नाम से कंपनी हैं। यूपी सरकार और प्रदेश के विभागों में कागज की खपत की काफी खपत होती है लेकिन अपने दामाद को वह कागज की सप्लाई का काम नहीं दे सकते, वर्ण जांच के दायरे में आ जाएंगे।
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यूपी के सरकारी विभागों में काजगों के टेंडर का खेल
दीपक सिंघल ने साजिश रची कि हर सरकारी विभाग से कागज का टेंडर संजय अग्रवाल को दिलायेंगे और उन्हें कागज आरडी पेपर्स से खरीदना होगा। इसके बदले में उन्हें कोई पैसा नहीं चाहिए, बस उनके दामाद को कमिशन देनी होगी। आईएएस अफसर और उनका दामाद फिर संजय अग्रवाल के दफ्तर पहुंचे और कहा कि फ़िलहाल के लिए ढाई करोड़ दे दें, बाद में इस रकम को कागज की सप्लाई के बिलों में जोड़ दिया जायेगा।
पैसा वापस मांगने पर दे रही धमकी
अब संजय का आरोप है कि उन्होंने आरडी पेपर्स के बैंक अकाउंट में दो माह में अलग अलग रकम जमा की, जो कुल मिला कर ढाई करोड़ हो गयी लेकिन तब से उनको अब तक कोई टेंडर नहीं मिला। जब इस मामले को लेकर दीपक अग्रवाल से सम्पर्क किया तो वे झांसा देने लगे और बाद में पैसा वापस मांगने पर धमकी देने लगे।
पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने आरोप को बताया फर्जी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल के खिलाफ चल रहे वायरल खबर पर पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल का पक्ष आ गया है। उन्होंने कहा है कि उनकी छवि को खराब करने के लिए ऐसी खबरों को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। जबकि उनका और उनके दामाद का इस खबर से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने अपना पक्ष स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच नई दिल्ली को सौंप दिया है।
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