Mahoba News: इलाज के लिए जिला अस्पताल में मरीज को बुलानी पड़ गई पुलिस, इलाज के एवज में की गई थी रिश्वत की मांग
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल में घायल को प्लास्टर चढ़ाने के एवज में रिश्वत मांगने पर पीड़ित ने पुलिस बुला ली और मौजूद डॉक्टर पर पैसा मांगने का आरोप लगाया।
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल (Mahoba District Hospital) में घायल को प्लास्टर चढ़ाने के एवज में रिश्वत मांगने पर पीड़ित ने पुलिस बुला ली और मौजूद डॉक्टर पर पैसा मांगने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची डायल 112 की पुलिस ने पीड़ित की समस्या को सुनते हुए निशुल्क इलाज किए जाने की बात मौजूद स्टाफ से की जिस पर डॉक्टर न होने की बात कहकर मामले को टाल दिया गया।
दरअसल आपको बता दें कि महोबा जिला अस्पताल आए दिन बरती जा रही अनियमितताओं के कारण चर्चा में रहता है। जिसको लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है ताकि आने वाले मरीजों को आर्थिक और शारीरिक परेशानी ना उठाना पड़े। यहीं नहीं अस्पताल में हो रही लापरवाही को उजागर करने पर कवरेज रोकने के लिए सीएमएस ने अस्पताल में पोस्टर तक चस्पा किये है मीडिया को कवरेज करने से रोकने की नियत से पोस्टर तो लगा दिए गए मगर अपनी गलतियों में जिला अस्पताल सुधार नहीं कर रहा।
जिला अस्पताल में मरीज से इलाज के नाम पर खुलेआम पैसों की मांग
जिला अस्पताल में तैनात मरीजों से धन उगाही और अभद्रता के मामले कम नहीं हो रहे। आज फिर एक मरीज से इलाज के नाम पर खुलेआम पैसों की मांग की गई तो पीड़ित ने मजबूरन पुलिस बुला ली। महोबा की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के प्रकाश बम्हौरी गांव में रहने वाले देवेंद्र कुमार के पैर में चोट होने के चलते उसका मित्र पवन उसे अपने साथ लेकर जिला अस्पताल आया था जहाँ इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ द्वारा इलाज से पहले ही एक्स-रे कराने के लिए अस्पताल के बाहर भेज दिया गया। प्राइवेट एक्सरे करा कर वापस लौटा तो उसके पैर में प्लास्टर चढ़ा के एवज में 350 रूपये की मांग की गई।
सुविधाशुल्क न देने पर इलाज करने से ही मना किया
उसने जब अस्पताल में निशुल्क इलाज मिलने की बात कही तो मौजूद स्टाफ भड़क उठा और सुविधाशुल्क न देने पर इलाज करने से ही मना कर दिया। आरोप है कि पीड़ित ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मौजूद स्टाफ ने अभद्रता कर दी। अस्पताल में मांगी जा रही रिश्वत और इलाज न होता देख पीड़ित को मजबूरन पुलिस का सहारा लेना पड़ा है। पीड़ित ने डायल 112 पुलिस को फोन कर दिया और अपनी समस्या बताई। सूचना पर डायल 112 की पीआरबी 1255 मौके पर पहुंची और शिकायतकर्ता से पूछताछ पूरा मामला जाना तो उसने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में प्लास्टर चढाने के नाम पर पैसों की मांग कर रहे हैं और इलाज नहीं कर रहे।
पूरे मामले की गंभीरता समझते हुए अंदर मौजूद स्टाफ से बातचीत की तो उन्होंने लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताकर पल्ला ही झाड़ लिया बताया कि अब प्लास्टर चढ़ाने वाले डॉक्टर मौजूद नहीं है कल ही प्लास्टर चढ़ेगा पड़ेगा और पूरे मामले को ही टाल दिया। पीड़ित को बिना प्लास्टर चढ़ाये की वापस जाना पड़ा है। मरीज का मित्र पवन बताता है कि निशुल्क इलाज सरकारी अस्पताल में मिलना चाहिए मगर यहाँ तो खुलेआम पैसों की मांग की जा रही। पहले बाहर से एक्सरे कराया गया और फिर प्लास्टर के एवज में पैसों की मांग की गई।