प्रापर्टी डीलर को पीटने वालों से सीबीआई को मिली पूछताछ की इजाजत

सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने सीबीआई को राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के मामले में बंद अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत दे दी है।

Update: 2019-08-27 16:16 GMT

लखनऊ: सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने सीबीआई को राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के मामले में बंद अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत दे दी है।

इस मामले के विवेचक ने मंगलवार को अदालत में अर्जी दाखिल कर इन अभियुक्तों से पूछताछ की इजाजत मंागी थी। केार्ट ने उनकी इस अर्जी को मंजूर कर लिया। इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरू द्ध हैं जबकि अतीक का लड़का मो- उमर फरार चल रहा है।

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यह केस थाना कृष्णानगर से संबधित है। इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस मामले की विवेचना सीबीआई कर रही है।

दरअसल बीते 29 दिसंबर को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में बंद अतीक ने अपने गुर्गो के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया। तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया।

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अतीक ने उससे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया। इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गो गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा। उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।

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