देवरिया: सदर कोतवाली के स्टेशन रोड स्थित मां विन्ध्यवासिनी बाल गृह में सामने आयी अनियमितता को लेकर लेकर अब बड़ी बड़ी बातें हो रही हैं । कल तक जो भी लोग संस्थान संचालिका के आगे पीछे जी हुजूरी किया करते थे वो भी इस संस्था को डर के मारे दागी ठहराने में लगे हुए हैं। वैसे सीबीआई जाँच की घोषणा की सूचना मात्र से कई सफेदपोशों के बीच खलबली मची साफ दिख रही है ।
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कब बना एनजीओ
वर्ष 2002 में माँ विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण व सामाजिक सेवा संस्थान नामके एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराया गया था।नूनखार में खोले गए इस संस्था की कर्ताधर्ता गिरिजा त्रिपाठी जनपद के लगभग सभी क्षेत्रों में जाकर महिलाओं को इस संस्था से जोड़ने काम करती थीं। उसके बाद इस एनजीओ के माध्यम जनपद में वृद्धाश्रम और बाल संरक्षण भी शुरू कर दिया। बाद में सरकार के तरफ से सहयोग राशि भी इस संस्था को मिलने लगा।
करोड़ों की संपत्ति की मालकिन थीं संचालिका
एक एनजीओ चलाने वाली इस संचालिका ने कुछ ही वर्षों में करोड़ों की संपत्ति बना ली थी । स्थानीय लोग बताते हैं कि मां विन्धयवासिनी सेवा संस्थान की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने रजला गांव सहित शहर के तमाम जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीद रखी है। शहर के सटे रजला गांव के पास भी एक संस्था चलती है। कुछ महीने पहले मां विन्ध्यवासिनी सेवा महिला परीक्षण संस्थान की संचालिका गिरिजा ने करोड़ों का गोलमाल किया था जिसकी जांच अन्य एनजीओ के साथ ही सीबीआई कर रही थी। इस संस्थान से जिले में चल रहे वृद्धाश्रमों को बंद कराया गया था। सरकार की तरफ से इस संस्थान को पैसा आना भी बंद हो गया था।
रजिस्ट्रेशन खत्म था लेकिन "कृपा" से चल रही थी संस्था
इस संस्थान का रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद भी गिरीजा त्रिपाठी इसे एक वर्ष से अधिक समय से चला रही थी। जिला प्रशासन सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ था। अधिकारियों का वहाँ के कार्यक्रमो में आना जाना बना हुआ था । अधिकारियों की पत्नियाँ संस्था के केंद्र पर सहयोग करने के साथ ही फोटो सेशन करना नहीं भूलती थी। अखबारों में लगातार ये सब कुछ खबर भी बनता था।
एक गरीब बच्ची ने भागकर किया खुलासा
भागकर महिला थाने पहुँची एक लड़की ने बताया कि 'मैडम हम लोगों से झाड़ू-पोछा और बर्तन साफ कराती थी और रात में कई रंग की गाड़ियां आती थीं जिसमें मैडम हमें गोरखपुर भेजती थी। जब वापस हम आते थे तो हमें मैडम डरा कर कहती थी कि तुम लोग अगर किसी से कुछ बोलोगी तो तुम्हें जान से मार देंगे।'
मौके का स्वयं जाँच किया सचिव ने
मौके पर पहुंची प्रमुख सचिव बाल विकास रेणुका कुमारी ने कहा कि 'जांच चल रही है, मुझे जांच करने दीजिए।' इसके बाद देर रात को जिला प्रशासन ने मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रक्षिण संस्थान की सघनता से जांच की। इस दौरान करीब एक दर्जन दस्तावेज पुलिस को हाथ लगे, जिसके बाद इस संस्था को सील कर दिया गया है।
अब सीबीआई खंगालेगी असली पिटारा
राज्य सरकार ने विपक्ष की माँग से पहले ही चौतरफा हमले के बीच सीबीआई जाँच की सिफारिश कर बाजी मार लोगों का मुँह बन्द करने की कोशिश की लेकिन एक तरफ सरकार की कार्यवाही जारी थी तो दूसरी ओर विपक्ष की घेराबंदी । अब सीबीआई जाँच के शुरू होने के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा ।