बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने प्री बजट 2023 पर आयोजित किया वेबीनार

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्री बजट 2023 पर वेबीनार आयोजित किया गया है। जिसमें भारत को आर्थिक रूप से विश्व गुरु बनाने की चर्चा की गई।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-01-25 14:01 GMT

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (Bundelkhand University) के अर्थशास्त्र, बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान द्वारा आगामी केंद्रीय बजट के पूर्व प्री बजट 2023 विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर मुकेश पाण्डेय ने विभाग द्वारा इस प्रकार की वित्तीय चर्चा की सराहना की।

उन्होंने कहा कि बजट केवल आय और खर्चों का लेखा-जोखा नहीं है बल्कि आने वाले समय में देश किस प्रकार आर्थिक चुनौतियों का सामना कर अग्रेषित होगा उसका रोड मैप है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विकास आधारित निवेश की आवश्यकता है। जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों, लघु एवं मध्यम औद्योगिक क्षेत्रों, पर्यटन एवं संचार के साथ ही हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

वेबीनार के मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश उत्तराखंड कॉमर्स एसोसिएशन (Uttrakhand Commerce Association) के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि प्रकाश ने वर्तमान आर्थिक क्षेत्र की चुनौतियां एवं संभावनाएं, बजट की विकास यात्रा एवं आगामी प्रीबजट पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 से ही देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा था। 2017-18 एवं 2018-19 में कुछ सुधार हुआ। परंतु करोना आपदा ने विश्व के साथ ही भारत को भी आर्थिक रूप से बहुत प्रभावित किया।

विशिष्ट वक्ता इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन (Indian Economic Association) के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर बी पी चंद्रमोहन ने अपने वक्तव्य में आगामी बजट में कृषि क्षेत्रों के लिए आर्थिक सुधारों पर चर्चा की। उन्होंने कहा की वर्तमान में कृषि क्षेत्र भारत की कुल जीडीपी का 15% है। हाल ही में सरकार और किसानों के बीच विश्वसनीयता में कमी आई है। कृषि क्षेत्र में वृहद सुधारों के लिए आवश्यक है कि सरकार कृषि क्षेत्र में पब्लिक ओर प्राइवेट दोनों का निवेश बढ़ाने में प्रयास करें। इसके साथ ही आवश्यकता है कि किसानों में साक्षरता एवं जागरूकता को बढ़ाया जाना।

विशिष्ट वक्ता बुंदेलखंड कॉमर्स चैंबर्स के सीए विशाल अग्रवाल ने कहा कि बजट टैक्स रिफॉर्म्स एवं आवश्यक वस्तुओं में छूट देने की घोषणा नहीं है। भारत वर्तमान में विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगर नियमित रूप से 8% की विकास दर अपनाई जाए तो 2025 तक मोदी सरकार के विजन 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर अर्थव्यवस्था को भी हासिल किया जा सकता है। इसके पूर्व कला संकायाध्यक्ष एवं अर्थशास्त्र, बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीबी सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। सहायक आचार्य संदीप अग्रवाल ने प्री बजट 2023 में चर्चा के लिए रखे जाने वाले विषयों की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की। संस्थान के इकोफिन क्लब के एमबीए फाइनेंस के छात्र कुशाग्र ने आगामी बजट से अपेक्षाओं पर पीपीटी प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य ईरा तिवारी ने किया। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता कल्याण प्रो सुनील काबिया, कुलानुशासक प्रो आरके सैनी, डायरेक्टर रिसर्च सेल प्रो एसपी सिंह, कुलसचिव विनय कुमार परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, प्रो अवनीश कुमार प्रो एस के कटियार, प्रोफेसर अपर्णा राज, डॉ पुनीत बिसारिया, डॉ ऋषि सक्सेना, डॉ शंभू नाथ सिंह, डॉ यशोधरा शर्मा, डॉ अतुल गोयल, डॉ फुरकान मलिक, डॉ राधिका चौधरी, अमिताभ गौतम, डॉ अंकिता जैस्मिन लाल, डॉक्टर शिल्पा मिश्रा, डॉ प्रियंका, डॉ संजय सिंह, डॉ बबीता, शिविका, शिखा, अंजलि, जूही के साथ देश भर से अनेक छात्र- छात्राओं ने सहभागिता की।

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