कैसे रुके भ्रष्टाचार, जब डिप्टी CM ही कह रहे 'खाओ, मगर दाल में नमक की तरह'
हरदोई: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ठेकेदारों और अधिकारियों को रिश्वत देने या लेने का बयान तीन दिन बाद बुधवार 13 सितंबर को वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अधिकारी और ठेकेदार दाल में नमक की तरह खाएं। यूपी बीजेपी ने भी आज उनके इस बयान का समर्थन किया। प्रदेश प्रवक्ता राकेश धर त्रिपाठी ने बुधवार को कहा कि इसमें गलत क्या है?
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पिछले रविवार को गांधी मैदान में आयोजित पिछड़ा वर्ग प्रतिभा सम्मान समारोह में कार्यकर्ताओं को भगवा गमछा पहनाकर और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया था।
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सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि मुझे किसानों का दर्द मालूम है। वह खुद किसान के बेटे हैं। किसान का दर्द समझते हैं। उन्हें अपने पिता के इलाज के लिए एक करोड़ में खेत गिरवी रखना पड़ा था। तब पिता के इलाज के लिए रुपयों की व्यवस्था हो पाई थी। इसलिए किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिश में लगे हैं। सपा बसपा सरकार में कागज पर ही सड़क बन जाती थी और उसी सड़क के गड्ढे भी कागजों पर भरने के नाम पर घोटाले किए जाते थे।
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क्या था पूरा मामला
भ्रष्टाचार समापत करने का दावा करने वाली पार्टी बीजेपी के डिप्टी सीएम ने ठेकेदारों और अधिकारियों को काला धन दाल में नमक की तरह खाने का मशविरा दिया था। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करती हो, लेकिन यूपी के डिप्टी सीएम ने हरदोई में एक संबोधन में ठेकेदारों और अधिकारियों को दाल में नमक की तरह खाने की छूट जरूर दे डाली। उन्होंने कहा कि अब कोई भ्रष्टाचार के लिए नहीं कहता कि ठेकेदार कमाएगा।
ठेकेदार और अधिकारी मिलकर सड़क के नाम पर पैसा लाएंगे और सड़क नहीं बनाएंगे। खा जाएंगे। ऐसे तो कोई अधिकारी नौकरी न कर पाएगा। यह हमारी सरकार का फैसला है कि हम भ्रष्टाचार से मुक्त चाहते हैं। इसलिए कमाओ, लेकिन दाल में जैसे नमक की तरह। कमाई करना, व्यापार करना गलत नहीं है। लेकिन अगर आप सोचोगे जनता का, जो हिस्सा है उसको लूटोगे तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार में लूटने वालों को क्षमा नहीं किया जाता है।