प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी की मां के निधन पर डिप्टी सीएम मौर्य ने शोक जताया

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मां जबतक रहती है बच्चे उसके लिए बच्चे ही रहते हैं चाहे वह कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं। मां का जाना ऐसा कष्ट है जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती। ईश्वर आपकी मां को सद्गगति दे।

Update:2020-11-15 19:12 IST
Deputy CM Maurya mourns the death of Prof. Girish Chandra Tripathi's mother.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो गिरीश चन्द्र त्रिपाठी के आवास पर पहुंच कर उनकी स्वर्गीया माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके पिता जी का हाल-चाल पूछा। उन्होंने प्रो त्रिपाठी को सांत्वना प्रदान की। प्रो त्रिपाठी ने भावुक होकर माता जी को स्मरण करते हुए कहा कि माता जी हमलोगों के लिए ही जीती रहीं वे अपने लिए कभी नहीं जी पाईं।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मां जबतक रहती है बच्चे उसके लिए बच्चे ही रहते हैं चाहे वह कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं। मां का जाना ऐसा कष्ट है जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती। ईश्वर आपकी मां को सद्गगति दे।

प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी की 90 वर्षीय मां सोमवती त्रिपाठी का 30 अक्टूबर को निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया गया। जिसमें तमाम गणमान्य व्यक्ति व परिवार के लोग उपस्थित रहे।

सोमवती त्रिपाठी के परिवार में पति के अलावा दो पुत्र प्रो. गिरीश चंद्र और डॉ. योगेश चंद्र (प्रधानाचार्य, भारत स्काउट गाइड मम्फोर्डगंज) एवं पौत्र-पौत्रियों से भरा पूरा परिवार है।

इनके बड़े पौत्र डॉ. राजेंद्र त्रिपाठी ब्रिटिश हाई कमीशन में डिप्टी डायरेक्टर तथा छोटे पौत्र अवनीश त्रिपाठी राज्य विधि अधिकारी हैं।

प्रो. त्रिपाठी की मां के निधन पर इससे पहले इविवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी, रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल, प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल, प्रो. असीम मुखर्जी, डॉ. रमा सिंह, डॉ. संजय पांडेय समेत अनके गणमान्य व्यक्ति शोक संवेदना ज्ञापित कर चुके हैं।

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