कानून-व्यवस्था के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने लिया रात में अंतिम संस्कार का फैसला- डीजीपी
हाथरस कांड में अंतिम संस्कार को लेकर बवाल मचा है। ऐसे में डीजीपी यूपी एचसी अवस्थी का खुलासा चौंकाने वाला है। जब हाथरस कांड को लेकर पूरे देश में आक्रोश बढ़ रहा था, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन शुरू हो चुका था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने दावा किया है कि हाथरस कांड में पीड़िता का अंतिम संस्कार आधी रात के बाद कराए जाने का फैसला पूरी तरह से हाथरस जिला प्रशासनका था। कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए प्रशासन के अधिकारियों ने अंतिम संस्कार पूरा कराया था। उन्होंने यह भी कहा कि हाथरस की स्थितियां बिल्कुल भिन्न थीं वहां पर जो फैसले लिए गए वह स्थानीय माहौल व चुनौतियों को देखकर स्थानीय स्तर पर लिए गए।
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हाथरस कांड में अंतिम संस्कार को लेकर बवाल मचा है
हाथरस कांड में अंतिम संस्कार को लेकर बवाल मचा है। ऐसे में डीजीपी यूपी एचसी अवस्थी का खुलासा चौंकाने वाला है। जब हाथरस कांड को लेकर पूरे देश में आक्रोश बढ़ रहा था, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन शुरू हो चुका था। तब भी शासन के अधिकारियों और सरकार को यह मालूम नहीं था कि वहां क्या हो रहा है। डीजीपी ने मीडिया में दिए बयान में कहा है कि हाथरस में पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कराने का फैसला स्थानीय जिला प्रशासन का है और इस बारे में ऊपर से कोई आदेश नहीं दिया गया।
जिला प्रशासन के स्तर पर लिए गए फैसले के बारे में वह कोई टिप्पणी भी नहीं करेंगे
उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के स्तर पर लिए गए फैसले के बारे में वह कोई टिप्पणी भी नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि हाथरस में जिस तरह की चुनौतियां कानून-व्यवस्था के मामले में मौजूद थीं वह अन्य मामलों से बिल्कुल अलग थीं। सफदरजंग हॉस्पिटल में जो हंगामा हुआ था वह किसी से छुपा नहीं है। कुछ शक्तियां हैं जो जातीय तनाव की स्थितियां उत्पन्न करने की कोशिश कर रही थीं। इन सभी को ध्यान में रखकर ही जिला प्रशासन ने फैसला किया है।
गांव में दोनों समुदाय के लोग रहते हैं और तनाव की स्थिति बन चुकी थी
उन्होंने यह भी माना कि रात में अंतिम संस्कार किए जाने के बाद परिवार के सदस्यों की शिकायत उन्हें मिली है कि परिवार के निकट संबंधियों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया गया है। इसकी जांच एसआईटी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में दोनों समुदाय के लोग रहते हैं और तनाव की स्थिति बन चुकी थी। इसलिए पूरे गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया है।
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डीजीपी के इस बयान को लेकर कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा
डीजीपी के इस बयान को लेकर कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रात के अंधेरे में चुपके से अंतिम संस्कार का फैसला किया और लखनऊ में बैठी सरकार को पता भी नहीं चला। इससे शासन में बैठे अधिकारियों और सरकार के कामकाज के तरीके का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अखिलेश तिवारी
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