Chitrakoot News: मुकदमा दर्ज कराने को थाने में डटे ढ़ाबा संचालक और समर्थक, सांसद पुत्र द्वारा ढ़ाबे में तोड़ फोड़ का है मामला

Chitrakoot News: ढ़ाबे में सांसद पुत्र व उसके सहयोगियों द्वारा की गई तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज न करने पर ढ़ाबा संचालक समेत उसके समर्थक देर शाम तक थाने में डटे रहे।

Update:2022-08-06 21:29 IST

Chitrakoot News: मानिकपुर बाईपास में खुले ढ़ाबे में सांसद पुत्र व उसके सहयोगियों द्वारा की गई तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज न करने पर ढ़ाबा संचालक समेत उसके समर्थक शनिवार की देर शाम तक थाने में डटे रहे। तिरंगा लेकर सभी लोग धरने में बैठे हुए हैं। कई सामाजिक संगठन भी इस घटना को खुली गुंडई बताते हुए ढ़ाबा संचालक के समर्थन में उतर आए है। ढ़ाबा संचालक (Dhaba operato) व उसके समर्थकों ने ऐलान किया कि जब तक मुकदमा दर्ज नहीं होता, वह लोग थाने में धरने पर बैठे रहेंगे। जरुरत पड़ी तो वह लोग मुख्यालय लखनऊ तक शिकायत लेकर जाएंगे।

ढ़ाबे में सांसद पुत्र व उसके सहयोगियों के तोड़फोड़-मारपीट का मामला

सांसद के बेटे सुनील पटेल, दो सरकारी व एक प्राइवेट गनर के अलावा कुछ अन्य सहयोगियों ने शुक्रवार की आधी रात को ढ़ाबे में पहुंचकर तोड़फोड़ करने के साथ ही वहां मौजूद कर्मचारियों के साथ बेरहमी से मारपीट की। शनिवार को तहरीर देने के बाद जब पुलिस अपरान्ह बाद तक हरकत में नहीं आई और मामले को लेकर लीपापोती में जुटी तो ढ़ाबा संचालक व उसके समर्थकों का आक्रोश फूट पड़ा। ढ़ाबा संचालक का कहना है कि उसने घटना की जानकारी रात में ही पुलिस को दी और सुबह थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर भी दिया। फिर भी पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है।


कई सामाजिक संगठन ढ़ाबा संचालक के समर्थन में उतरे, माहौल गरमाया

बताते हैं कि मुकदमा दर्ज न करने पर लोगों का पुलिस के खिलाफ आक्रोश भड़का और ढ़ाबा संचालक के साथ थाने पहुंचकर डट गए। थाना प्रभारी से बातचीत करने पर जब उनका रुख ठीक नजर नहीं आया तो वहीं तिरंगा के साथ धरने पर बैठ गए। ढ़ाबा संचालक व उनके समर्थक कई सामाजिक संगठनों के साथ थाने में धरने पर बैठे हुए है। लोगों का गुस्सा सांसद पुत्र के साथ उनके दो सरकारी गनरों के खिलाफ भी है, जो कि मारपीट में शामिल रहे है। सरकारी गनरों को लेकर भी लोग तरह-तरह के सवाल भी उठा रहे है।

पुलिस की कार्यशैली पर लोगों में रहा गुस्सा

आधी रात को हुई तोड़फोड़ व मारपीट के मामले में ढ़ाबा संचालक ने शनिवार की सुबह ही थाने में कार्रवाई के लिए तहरीर दे दी थी। लेकिन पूरे दिन थाना पुलिस के बयान हर पल बदलते रहे। पहले तो थाना पुलिस तहरीर मिलने से इंकार करती रही। फिर मारपीट का वीडियो न होने की बात कही गई। इसके बाद कुछ सामाजिक संगठनों ने यह कहकर विरोध जताया कि अब तक दर्ज होने वाले मामलों का पुलिस ने कभी वीडियो लिया है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर इस मामले में ही मारपीट का वीडियो मांगकर सिर्फ पुलिस घटना को ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है। आखिरकार कार्यशैली को लेकर सवालों के घेरे में आई थाना पुलिस ने स्वीकार किया कि तहरीर मिल चुकी है और जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

सांसद पुत्र पर कई बार लग चुके दबंगई के आरोप

ढ़ाबे में तोड़फोड़ व मारपीट का आरोप सांसद पुत्र के ऊपर पहली बार नहीं लगा है। इसके पूर्व भी उनके ऊपर दबंगई दिखाने व मारपीट के आरोप लग चुके है। अभी दो माह पहले ही जिला अस्पताल में सांसद के दोनों बेटों ने स्वास्थ्य कर्मी के साथ मारपीट की थी। बाद में लिखित माफीनामे के बाद मामला शांत हो गया था। इसके कुछ माह पहले ट्राफिक चौराहे पर रात में ओवरलोड ट्रकों के संचालन को रोकने की मांग करते हुए बजरंग दल के पदाधिकारियों ने विरोध जताया था। यहां पर भी सांसद पुत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया में दबंगई दिखाने का वायरल हुआ था।

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