Dhananjay Singh Crime Record: 43 केस घटकर रह गए 10, पहली बार हुई किसी मामले में सजा
Dhananjay Singh Crime Record: जौनपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके साथी को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और रंगदारी वसूली के मामले में 7 साल की सजा और 50,000 का जुर्माना लगाया है। यह पहला मामला है जिसमें पूर्व सांसद को सजा हुई है।
Dhananjay Singh Crime Record: उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर में कभी मारे जाने की झूठी कहानी से बाहुबली बने धनंजय सिंह पर 43 मुकदमे दर्ज थे, लेकिन आज उन पर केवल 10 मुकदमे ही लंबित हैं। उत्तर प्रदेश की सियासत में बाहुबली धनंजय सिंह को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और रंगदारी वसूली के मामले में जौनपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके साथी संतोष विक्रम सिंह को 7 साल की सजा और 50,000 का जुर्माना लगाया है।
अदालत के इस फैसले के साथ ही धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर पर हाईकोर्ट से राहत मिलने तक विराम लग गया है।
10 में से आठ मुकदमा केवल जौनपुर में दर्ज हैं-
अगर बात धनंजय सिंह के अपराधिक इतिहास की करें तो मौजूदा समय में पूर्व सांसद पर 10 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 8 तो जौनपुर में दर्ज हैं, बाकी एक मुकदमा दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने का है और एक लखनऊ के विभूति खंड थाने का है, जो मामूली धाराओं में है। अब तक केवल तीन मुकदमे में ही धनंजय सिंह पर चार्ज फ्रेम हो पाया है और गवाही चल रही है। बाकी 6 मुकदमों में पुलिस ने चार्जशीट जरूर दाखिल की है लेकिन अभी कोर्ट में चार्ज फ्रेम नहीं हो पाए हैं। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंह को धमकाने का यह पहला मामला है, जिसमें धनंजय सिंह को सजा हुई है।
वहीं दिल्ली के चाणक्यपुरी में दर्ज मुकदमा उस समय का है जब धनंजय सिंह की दूसरी पत्नी जागृति सिंह के आवास पर नौकरानी ने आत्महत्या कर ली थी। इसमें धनंजय सिंह पर सीसीटीवी के डीवीआर को हटाने और सूचना नहीं देने का आरोप लगा था। दिल्ली पुलिस ने धनंजय और उनकी पत्नी जागृति से पूछताछ भी की थी। मौजूदा समय में इस मुकदमे में 6 जून 2015 को चार्ज फ्रेम हो चुके हैं। केस गवाही में चल रहा है, अभी फैसला आना बाकी है।
धनंजय सिंह पर दर्ज 10 मुकदमों में एक जौनपुर के केराकत कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट में दर्ज है। इसमें 5 मार्च 2021 को चार्ज फ्रेम हो चुका है और केस गवाही में चल रहा है। जिस तीसरे मुकदमे में चार्ज फ्रेम हो चुका है, वह जौनपुर के केराकत कोतवाली में हत्या का मुकदमा है, जिसका 23 जुलाई 2019 को चार्ज फ्रेम हो चुका है और मामले में सुनवाई चल रही है।
क्या होता चार्ज फ्रेम?
जब किसी मामले की एफआईआर दर्ज होती है तो पुलिस विवेचना के आधार पर चार्जशीट दाखिल करती है। अदालत में पुलिस अपनी जांच में मिले जिन सबूत और गवाहों के आधार पर चार्जशीट लगाती है, उनको पेश करती है फिर उस पर बहस होती है। जब कोर्ट उनको मान लेती है तब चार्ज फ्रेम होता है। यानी अदालत भी पुलिस की चार्जसीट से संतुष्ट होकर ही केस का ट्रायल शुरू करती है।
जब घोषित हुआ था 50 हजार का इनाम
धनंजय सिंह पर एक मुकदमा लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड के शूटर को पनाह देने और पुलिस को सूचना नहीं देने का दर्ज हुआ था। इसी मामले में लखनऊ पुलिस ने पूर्व सांसद को आरोपी मान 50,000 का इनाम घोषित किया था। लखनऊ पुलिस से विवेचना एसटीएफ को दी गई और एसटीएफ ने धनंजय सिंह को पुलिस को सूचना नहीं देने का आरोपी मान चार्जशीट दाखिल की जिसका ट्रायल चल रहा है।
वहीं धनंजय सिंह पर एक मुकदमा कोरोना काल में एपिडेमिक एक्ट के उल्लंघन पर जौनपुर के खुटहन कोतवाली में दर्ज है। जौनपुर की शहर कोतवाली में 2017 के चुनाव के दौरान धारा 144 के उल्लंघन का भी एक मुकदमा पूर्व सांसद पर दर्ज है जिसमें चार्ज फ्रेम नहीं हुए हैं। धनंजय सिंह पर खुटहन थाने में साल 17 में दो मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें अब तक चार्ज फ्रेम नहीं हो पाया है। दोनों ही मुकदमा में धनंजय सिंह पर हत्या के प्रयास, मारपीट, बलवा का आरोप लगा था।
दो दर्जन मामले में हो गए थे बरी
यूपी की सियासत में बाहुबली रहे धनंजय सिंह पर दर्ज मामलों की लंबी फेहरिस्त रही है, जो कम होते अब 10 तक पहुंची गई है। लेकिन साल 2020 में जौनपुर के लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकाने के मामले में अपहरण और रंगदारी वसूली का यह पहला मुकदमा है जिसमें धनंजय सिंह को सजा मिली है। वैसे तो धनंजय सिंह पर कई मुकदमे दर्ज हुए लेकिन दो दर्जन मुकदमों में धनंजय सिंह को पुलिस ने बरी कर दिया, वहीं तीन मुकदमे सरकार ने वापस लिए थे। कुछ मुकदमा में पुलिस ने ही धनंजय सिंह को बरी कर दिया और यह लिस्ट घटते घटते अब 10 पर आ गई है और इसी लिस्ट के एक मुकदमे में आज धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई गई है।