लॉक डाउन 3.0 : मदिरालयों में दिख रही रौनक, मंदिरों में पसरा सन्नाटा

मंदिर पर प्रतिबंध के चलते सन्नाटा पसर गया है। जिससे मंदिर के पुजारी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाकर अपनी बर्बादी बयां कर रहे हैं। श्रद्धालु भक्तगण मंदिरों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए अपनी आवाज उठाने लगे हैं।

Update: 2020-05-10 08:22 GMT

प्रवेश चतुर्वेदी

औरैया: कोविड़-19 कोरोना वायरस महामारी के चलते केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक तौर पर धारा-144 के साथ लॉक डाउन किया गया। वर्तमान में भारत कोरोना वायरस फेस-3 में पहुंच चुका है। जिस पर ग्रीन जोंन में लॉक डाउन खोला गया, वहीं ऑरेंज जोंन में जनता के लोगों को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य प्रदेश सरकार द्वारा शराब के ठेकों से प्रतिबंध हटा लिया गया। जिसके कारण शराब के ठेकों पर रौनक लौट आई है। वहीं मंदिर पर प्रतिबंध के चलते सन्नाटा पसर गया है। जिससे मंदिर के पुजारी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाकर अपनी बर्बादी बयां कर रहे हैं। श्रद्धालु भक्तगण मंदिरों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए अपनी आवाज उठाने लगे हैं।

बोले पुजारी सरकार द्वारा उठाया गया सराहनीय कदम

कोरोना वायरस के संक्रमण ने जनमानस को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। करोड़ों लोगों का इस वैश्विक महामारी ने रोजी रोजगार छीन लिया है। जिससे लोगों के सामने अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण की विकट समस्या खड़ी हो चुकी है। व्यापारियों व दुकानदारों के उद्योग धंधे पूरी तरह से चौपट हो चुके हैं।

इसके बावजूद जनता के लोग शासन व प्रशासन द्वारा लागू किये गये लाकडाउन का सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पालन करते हुए वायरस के संक्रमण से बचने का प्रयास कर रहे हैं। सरकारों की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। अर्थव्यवस्था एवं जनमानस की परेशानियों को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा रेड जोंन में प्रतिबंध जारी रखा गया है जबकि ग्रीन जोंन से प्रतिबंध हटा लिया गया है।

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श्रद्धालु भक्तगण दर्शन एवं पूजा भी नहीं कर पा रहे हैं

वही ऑरेंज जोंन में शेड्यूल के अनुसार जनता के लोगों को राहत दी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अंग्रेजी व देशी शराब के ठेकों से प्रतिबंध हटा लिया गया जिससे ठेके गुलजार हो रहे हैं। वहीं मंदिरों पर प्रतिबंध लगा होने के चलते श्रद्धालु भक्तगण दर्शन एवं पूजा भी नहीं कर पा रहे हैं। जनपद के श्रद्धालु भक्तगणों का कहना है कि प्रदेश सरकार को चाहिए की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए मंदिरों पर दर्शन एवं पूजा पाठ की अनुमति प्रदान करें जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत न हो सके।

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शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर दुर्गम बीहड में स्थित महाकालेश्वर देवकली मंदिर एवं मां मंगला काली मंदिर पर लाकडाउन के चलते श्रद्धालु भक्तगण नहीं पहुंच रहे हैं इसके अलावा जनपद के विभिन्न मंदिरों पर भी सन्नाटा पसरा रहता है जबकि ठेकों पर लोग फर्राटा भरकर पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु भक्त गणों का कहना है कि जब सरकार ठेकों पर सानिध्य बरसा रही है तो मंदिरों पर प्रतिबंध क्यों नहीं हटाना चाहती है ?

मंदिरों में पसरा सन्नाटा

प्रतिबंध के चलते देवी व देवताओं की पूजा भी नहीं हो पा रही है। जिससे श्रद्धालु भक्तगणों की भावनाएं आहत हो रही हैं। मंदिर के पुजारी सुधीरानंद जी महाराज ने बताया कि लॉक डाउन में सरकार द्वारा जो कदम उठाया गया है वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे लोग घरों में रहें सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि पहले प्रतिदिन यहां पर हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। मगर इस समय सन्नाटा छाया हुआ है। जिससे उन्हें कुछ मायूसी तो हुई मगर वह लोगों की स्वास्थ्य के लिए मां मंगला काली से प्रार्थना कर रहे हैं।

रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

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