पश्चिमी यूपी में छाया दिमागी बुखार का कहर, दर्जनों बच्चे हॉस्पिटल में भर्ती

Update: 2016-09-06 11:28 GMT
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शाहजहांपुर: पश्चिमी यूपी में दिमागी बुखार ने हजारों बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। यूपी के शाहजहांपुर में इन दिनो सैकड़ों बच्चे दिमागी बुखार से पीड़ित है। दर्जनों बच्चों को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस बुखार की खासियत ये है कि बच्चों को ज्यादा चपेट में लेता है और तेज बुखार आने के बाद बच्चों को तेज झटके भी आते हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते सीएचसी और पीएचसी में बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है।

कोतवाली क्षेत्र के दलेलगंज मोहल्ले की रहने वाली सबीना के एक साल के बच्चे को चार दिन पहले तेज बुखार आया। बुखार के साथ ही बच्चे को तेज झटके लगना शुरू हो गए। बच्चे को झटके लगते देख सबीना ने बच्चे को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

सबीना के पति ने उसे तलाक दे दिया है। उसके पास प्राईवेट इलाज कराने के पैसे नहीं है। इसलिए जिला हॉस्पिटल लेकर आई है लेकिन यहां भी कोई इलाज सही से नहीं हो रहा है। उसके बेटे को अभी झटके आ रहे हैं तेज बुखार भी है लेकिन दवा नहीं मिल पा रही है। अगर किसी टाईम बच्चे की तबियत बिगाड़ जाती है तो डॉक्टर भी वक्त रहते नहीं मिलते है।

कांट थाना क्षेत्र में रहने वाली उषा देवी भी अपने बच्चे को लेकर इमर्जेंसी वार्ड में पहुंची। बच्चे को भी तेज बुखार और झटके आ रहे थे। उसने कई बार डॉक्टर से विनती की कि उसके बेटे को तेज झटके आ रहे है लेकिन डॉक्टर एक नहीं सुन रहे थे। जब कुछ मीडिया कर्मियों ने बच्चे के फोटो लेना शुरू किया तो डॉक्टर ने फौरन इलाज शुरू कर दिया।

उषा देवी ने बताया की उसके बेटे को दो दिन पहले हल्का बुखार आया था। गांव में ही एक डॉक्टर से दवा लेकर खिला दी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सोमवार की रात उसके बेटे को काफी तेज बुखार हुआ और तेज झटके आने लगे और साथ ही उसके बेटे के मूंह से सफेद झाग भी आने लगा। इसके बाद उसे जिला हॉस्पिटल में लेकर आई।

क्या कहते है बाल रोग विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह?

-बरसात के मौसम में बुखार के मरीज की तादाद बढ़ जाती है।

-इस बुखार से बचने के लिए माता पिता को अपने बच्चों को बचाना चाहिए।

-क्योंकि ये बुखार छोटे बच्चो को अपनी चपेट में लेता है।

-बुखार से बचाने के लिए बच्चों को साफ सुथरा खाना और पानी दें।

-घर में बिल्कुल भी गंदगी न रहने दें। बच्चों के कपङे चेंज करें।

-पहले हल्का बुखार बच्चों को होता है उसके बाद ये बुखार तेज होने लगता है।

 

-अगर समय रहते इसका इलाज नहीं होता है तो बच्चों को तेज झटका आने लगते हैं।

-सभी बच्चो को तेज बुखार के बाद तेज झटके आ रहे हैं।

-जिला हॉस्पिटल में आने वाले बच्चों को समय पर इलाज किया जा रहा है।

 

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