कलेक्टर ने पूरा किया मासूम का सपना, कोविड फंड में किया था दान, अब मिली उड़ान
कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहत कार्य के लिए आम जनता से पीएम केयर्स फंड में सहयोग मांगा तो मीरजापुर नगर के घंटाघर पक्की सराय निवासिनी 10 साल की सुहानी ने भी कदम बढ़ाया था।
मीरजापुर: दस साल की मासूम बेटी ने अपने अरमानों का गला घोंटकर कोविड-19 में पीएम के अपील पर अपना गुल्लक फोड़कर चार हजार इक्यानबे रुपया दान किया था। नगर के पक्की सराय निवासिनी सुहानी गुप्ता के सेवा की ललक की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने उसे पढ़ाई के लिए टेबलेट और साइकिल गिफ्ट किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने जब सुहानी से पूछा की बड़े होकर क्या बनोगी तो उसने बड़े ही मासूमियत के साथ बोली, डाक्टर।
गुल्लक फोड़कर पीएम केयर्स फंड में किया था दान
कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहत कार्य के लिए आम जनता से पीएम केयर्स फंड में सहयोग मांगा तो मीरजापुर नगर के घंटाघर पक्की सराय निवासिनी 10 साल की सुहानी ने भी कदम बढ़ाया था। उसने अपना गुल्लक फोड़कर चार हजार इक्यानबे रुपया शहर कोतवाली में जाकर नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह को दान किया था।
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साइकिल खरीदने के लिए जमा कर रही थी पैसे
यह गुल्लक उसके अरमानों को पूरा करने वाला था। अपनी साइकिल के लिए वह धन संग्रह कर रही थी। लेकिन देश और समाज की सेवा के लिए अपने अरमानों को कुर्बान कर दिया था। इस अरमान को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी सुशील कुमार और नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह ने पहल कर बिटिया को पढ़ाई के लिए टैबलेट और साइकिल गिफ्ट दिया।
सुहानी प्रतिदिन अपनी पॉकेट मनी से बचाकर रुपया पैसे गुल्लक में डालती थी। कोरोना आपदा आया तो वह गुल्लक लेकर अपने पिता के साथ शहर कोतवाली पहुंच गयी थी। उसने अपना पूरा गुल्लक कोरोना से जारी जंग के लिए दे दिया। इस गुल्लक में वह पिछले एक साल से साइकिल खरीदने के लिए पैसे जुटा रही थी। उसने थाने पर मौजूद नगर मजिस्ट्रेट जगदम्बा सिंह को गुल्लक पीएम केयर फंड में जमा करने के लिए दिया था।
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जिलाधिकारी से अनोखा तोहफा पाकर वह खुश
उसे जब खोला गया तो साइकिल के दाम से अधिक का धन निकला था। जिसे प्रधानमंत्री केयर्स फंड में जमा कराया गया था। नन्ही दानदाता ने अपने अरमानों को जिस प्रकार दरकिनार किया था, उसकी सराहना तो होना ही था। जिलाधिकारी से अनोखा तोहफा पाकर वह खुश हैं। अब तो सुहानी गुप्ता के अरमानों को पंख लग गया है। वह डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं।