तलाकशुदा बेटी भी मृतक आश्रित कोटे से होती है नौकरी की हकदार

एक महत्वपूर्ण फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने कहा है कि एक तलाकशुदा पुत्री भी अपने मां अथवा पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति पाने की हकदार है। कोर्ट ने मृतक आश्रित नियमावली के सम्बंध में ‘अविवाहित पुत्री’ शब्द को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अविवाहित’ का दूसरा अर्थ व्यक्ति के जीवनसाथी का न होना भी है।

Update: 2019-01-28 15:29 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ : एक महत्वपूर्ण फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने कहा है कि एक तलाकशुदा पुत्री भी अपने मां अथवा पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति पाने की हकदार है। कोर्ट ने मृतक आश्रित नियमावली के सम्बंध में ‘अविवाहित पुत्री’ शब्द को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अविवाहित’ का दूसरा अर्थ व्यक्ति के जीवनसाथी का न होना भी है। कोर्ट ने कहा कि इस परिभाषा में तलाकशुदा व विधवा दोनों आते हैं।

ये भी देखें :जियो फोन और जियो फोन 2 यूजर्स के लिए जियो रेल ऐप लॉन्च

यह निर्णय जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल एक अपील पर पारित किया।

दरअसल सरकार ने सिंगल बेंच के एक निर्णय को चुनौती दी थी जिसमें तलाकशुदा पुत्री नुपूर श्रीवास्तव को उसकी मां की मृत्यु होने के कारण उनके स्थान पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति दिये जाने के आदेश दिये गए थे। सरकार का तर्क था कि मृतक आश्रित नियमावली 1974 के रूल 2 ग में तलाकशुदा बेटी को आश्रित के तौर पर शामिल नहीं किया गया है।

ये भी देखें :लखनऊ मेट्रो को इस बार सुगम और मजबूत यातायात सिस्टम देने के लिए अवार्ड

कोर्ट अपने फैसले में कहा कि उक्त नियम में ‘अविवाहित पुत्री’ को शामिल किया गया है। कोर्ट ने उक्त नियम के लिए ‘अविवाहित पुत्री’ शब्द को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अविवाहित’ शब्द के अर्थ में लचीलापन है। इसका अर्थ मात्र ‘हमेशा से अविवाहित’ नहीं है बल्कि इसका अर्थ है, ‘प्रासंगिक तिथि पर अविवाहित’ या ‘विधवा’ अथवा ‘तलाकशुदा’।

कोर्ट ने कहा कि रूल 2 ग में यह कहीं नहीं कहा गया है कि ‘तलाकशुदा बेटी’ अनुकम्पा नियुक्ति पाने की हकदार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस विमर्श से यह स्पष्ट है कि यदि एक ‘तलाकशुदा पुत्री’ अपने पिता अथवा माता पर आश्रित है तो वह उनके स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति पाने की हकदार है। कोर्ट ने सरकार को इस निर्णय के आलोक में चार सप्ताह के भीतर नुपूर श्रीवास्तव को नियुक्ति दिये जाने पर निर्णय लेने का आदेश दिया।

Tags:    

Similar News