जानिए क्यों यूपी में जैव ऊर्जा पर 2464 करोड़ रुपये का होगा निवेश?
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में जैव अपशिष्टों से जैव ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी है। इसकी बदौलत जैव ऊर्जा की 11 परियोजनाओं में कुल 2464 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में जैव अपशिष्टों से जैव ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी है। इसकी बदौलत जैव ऊर्जा की 11 परियोजनाओं में कुल 2464 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को बताया कि इस निवेश की स्वीकृत राज्य सरकार ने प्रदान कर दी है। जैव ऊर्जा कार्यक्रम के प्रोत्साहन के लिए आकर्षक नीति भी बनायी जा चुकी है।
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जैव ऊर्जा इकाइयों की स्थापना का कार्य शुरू
जैव ऊर्जा के अन्तर्गत बायोडीजल, बायो एथेनाल, मेथेनाल, बायोगैस, बायो सीएनजी, प्राड्यूसर गैस आदि की उत्पादन इकाइयां स्थापित की जायेंगी। कई कम्पनियां में जैव ऊर्जा आधारित इकाइयों की स्थापना का कार्य भी शुरू हो गया है।
राज्य सरकार ने जैव ऊर्जा आधारित उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यम परियोजनाएं अधिक से अधिक स्थापित होकर उत्पादनरत हो सके।
सरकार ने दस सालों तक एस-जीएसटी की प्रतिपूर्ति और भूमि क्रय पर स्टाम्प ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट प्रदान करने की भी व्यवस्था की है।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने बताया कि पांच परियोजनाएं बायो सीएनजी की है, जिनमें इन परियोजनाओं के मूर्त रूप लेने पर इससे 25 टन बायो सीएनजी का प्रतिदिन उत्पादन होगा।
तीन परियोजनाएं बायो फ्यूल की प्रदेश में स्थापित की जा रही हैं। ये परियोजनाएं सीतापुर, सहारनपुर और बिजनौर में लगायी जा रही है। परियोजना की स्थापना हेतु सहमति-पत्र पहले ही जारी हो चुके हैं।
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पेट्रोल- डीजल पर निर्भरता होगी कम
इनके उत्पादनरत होने पर 2.75 लाख लीटर प्रतिदिन बायो फ्यूल का उत्पादन होगा। बायो फ्यूल के उत्पादन से पेट्रोल तथा डीजल पर निर्भरता भी कम होगी।
पाठक ने बताया कि तीन परियोजनाएं बायोकोल स्थापित की जा रही हैं। इनकी स्थापना का कार्य प्रगति पर है। ये परियोजनाएं बरेली, बागपत और बिजनौर में लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि बायोकोल की इकाइयों के उत्पादनरत होने पर करीब 55 टन प्रतिदिन बायोकोल का उत्पादन होगा।
इन सभी परियोजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वित हो जाने पर उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन होगा और पर्यावरण भी बेहतर बनेगा।
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