Sonbhadra News: मरीजों की सेहत से खिलवाड़- डॉक्टर नदारद, सीएचओ संभाल रहे इमरजेंसी
Sonbhadra News: सोनभद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की जगह प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लेने वाले कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों की ड्यूटी लगाकर मरीजों की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
Sonbhadra News: एक तरफ जहां योगी सरकार (Yogi Sarkar) सस्ती और सर्वसुलभ उपचार की व्यवस्था बनाने में लगी है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं। वहीं सोनभद्र में छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे स्थित बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंभीर मरीजों के उपचार की व्यवस्था रामभरोसे छोड़ दी गई है।
स्थिति यह है कि जिस जगह इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सकों को होना चाहिए, वहां डॉक्टरनदारद हैं और उनकी जगह कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों से ड्यूटी करवाई जा रही है। इसके चलते जहां फील्ड में गंभीर मरीजों को सर्च कर सीएचसी-पीएचसी पर रेफर करने का काम प्रभावित हो रहा है।
कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों की ड्यूटी लगाकर मरीजों की सेहत से खिलवाड़
वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों की जगह प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लेने वाले कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों की ड्यूटी लगाकर मरीजों की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके पीछे चिकित्सकों की कमी का हवाला दिया जा रहा है। सवाल उठता है कि जहां चार से पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए, वहां उनकी तैनाती न कर, सीएचओ को ड्यूटी पर लगा देना, मरीजों की सेहत से खिलवाड़ नही तो और क्या है?
बभनी सीएचसी में 17 मई तक दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक के जारी आपातकालीन ड्यूटी चार्ट में तिथिवार, इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए कुल पांच स्टाफों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें दो चतुर्थ श्रेणी कर्मी और एक फार्मासिस्ट के अलावा कम से एक चिकित्सक की ड्यूटी होनी चाहिए लेकिन चिकित्सक की जगह कभी दो तो कभी एक सीएचओ की ड्यूटी लगा दी गई है। ड्यूटी चार्ट में यह उल्लिखित किया गया है कि यह समय सारिणी स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। समय सारिणी के अनुसार कोई भी अधिकारी-कर्मचारी बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाया जताता है तो उनके खिलाफ प्रशासनिक एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए वेतन रोक दिया जाएगा।
मरीजों की सेहत के लिए खतरा
बताते चलें कि कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों (community health officers) को हाल में ही सुदूर अंचल में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच आसान बनाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया गया है लेकिन उन्हें इमरजेंसी यानी गंभीर मरीज के उपचार की इजाजत नहीं है। उन्हें यह प्रशिक्षण इस लिहाज से भी दिया गया है कि क्षेत्र में रहने के दौरान मिलने वाले गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराकर, सीएचसी-पीएचसी के लिए रेफर कर दें। वहां, बभनी पीएचसी पर उनसे इमरजेंसी ड्यूटी लिए जाने को लेकर जहां सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं मरीजों की सेहत के लिए भी खतरा बताया जा रहा है।
बता दें कि बभनी सीएचसी एक ऐसी एरिया है, जहां अक्सर गंभीर हादसे होते रहते हैं। ऐसे में अगर चिकित्सकों की जगह सीएचओ से ड्यूटी लिए जाने का सिलसिला बना रहा तो यह सेंटर उपचार की बजाय, रेफरल सेंटर बनकर रह जाएगा।
सीएमओ को कराया गया है अवगत, जल्द तैनात हो जाएंगे चिकित्सकः अधीक्षक
उधर, सीएचसी बभनी के अधीक्षक एसके वर्मा कहते हैं कि उनके यहां के डॉक्टरों की काफी है। इसलिए मजबूरी में सीएचओ की ड्यूटी लगानी पड़ रही है। कम से कम पांच डॉक्टरों की जरूरत है। सीएमओ को स्थिति से अवगत कराया गया है। जल्द तैनाती का आश्वासन भी मिला है।