डॉक्टरों की लापरवाही की हद! कभी बच्ची ने गवाई जान तो कभी नवजात ने तोड़ा दम

योगी सरकार में डॉक्टरों की गुंडागर्दी खुलेआम देखने को मिल रही है। चिकित्सालय में डॉक्टर साहब  ए.सी. में आराम करते हैं, और अगर कोई मरीज चोट लगने पर टांके लगवाने आता है तो उसको स्वीपर व वार्ड बॉय टांके लगाते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई डॉक्टर साहब के पास इमरजेंसी में आता है,

Update:2017-07-25 16:42 IST

शामली: योगी सरकार में डॉक्टरों की गुंडागर्दी खुलेआम देखने को मिल रही है। चिकित्सालय में डॉक्टर साहब ए.सी. में आराम करते हैं, और अगर कोई मरीज चोट लगने पर टांके लगवाने आता है तो उसको स्वीपर व वार्ड बॉय टांके लगाते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई डॉक्टर साहब के पास इमरजेंसी में आता है, तो डॉ साहब कई घंटे बाद तो अपने रूम से निकल कर बाहर आते हैं, और अगर आ भी जाते हैं तो मरीजों से 1000 से 1500 तक शुल्क मांगते हैं। अगर कोई शुल्क नहीं देता है ,तो उसको हॉस्पिटल से बाहर फिकवा देते हैं।

- ऐसा ही हाल है शामली के राजकीय अस्पताल का। जहां डॉक्टरों की गुंडागर्दी इतनी बढ़ चुकी है कि डॉक्टर मरीजों से बिना पैसे लिए इलाज नहीं करते।

- अगर कोई इमरजेंसी में पुलिस द्वारा डॉक्टरी कराने के लिए पहुंचता है। तो उनसे भी डॉक्टर साहब 1000रु शुल्क मांगते हैं।

- शुल्क ना देने पर उनको हॉस्पिटल से बाहर फिकवा देते हैं। ऐसा ही हुआ एक महिला और उसके पति के साथ।

-वो जब अस्पताल पहुंचे तो वहां पर मौजूद डॉक्टर ने उनसे हजार रूपये की मांग की।

- पैसे ना दे पाने पर महिला को हॉस्पिटल के बाहर फिकवा दिया गया।

- वो 2 घंटे तक हॉस्पिटल के बाहर तड़पती रही जिसके बाद महिला का पति मजबूर होकर कहीं से रूपए लेकर डॉक्टर साहब को देने पहुंचा और इलाज करवाया।

AC की हवा में फेसबुकिंग करने में बिजी डॉक्टर

- कांधला के राजकीय चिकित्सालय की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई जिसमें डॉक्टर उपकार तो आराम से कुर्सी पर टांग पर टांग रखकर व्हाटसअप व फेसबुक में बिजी है।

- उसी बीच जब एक मरीज़ महिला आई तो डॉक्टर साहब ने हॉस्पिटल के सफाई कर्मी व वार्ड बॉय को टांके लगाने के लिए बोला।

- इसके बाद वार्ड बॉय व सफाई कर्मी ने वृद्ध महिला को बिना सफाई किए उलटे सीधे तरीके से जख्मों को सुई से सीलना शुरू कर दिया।

डॉक्टरों की लापरवाही ने ली बच्ची की जान

- 2 दिन पहले एक 3 साल की बच्ची को बुखार आ गया था जिसको लेकर उसके पिता राजकीय चिकित्सालय में आए।

- काफी देर तक डॉक्टर हॉस्पिटल में नहीं आए। कई घंटों सीढ़ीयो पर लाचार पिता अपनी लेकर।

लेकर बैठा रहा।

- काफी घंटों बाद भी वहां दूर दूर तक किसी डॉक्टर का आता पता नहीं चला और आखिरकार बच्ची ने सीढ़ियों पर ही दम तोड़ दिया।

इतना ही नहीं अभी कुछ दिन पहले एक गर्भवती महिला ने सीढ़ीयो पर ही नवजात को जन्म दिया था, जिसके बाद भी कोई भी डॉक्टर गर्भवती की मदद करने हॉस्पिटल की सीढ़ियों पर नहीं पहुंचा। कुछ ही देर बाद नवजात ने सीढ़ीयो पर ही दम तोड़ दिया था।

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