Dog Attack Death Case: कुत्ते का काटना बहुत खतरनाक, रैबीज वायरस से बीते 5 सालों में एक लाख मौतें
Dog Attack Death Case: सहारा अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि कुत्तों के काटने से रैबीज होती है, जो नर्वस सिस्टम की ही बीमारी होती है
Dog Attack Death Case: प्रदेश में इस वक्त रोजाना कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। जिससे आम जन मानस में डर का माहौल है। लखनऊ, गाजियाबाद सहित कई जिलों से कुत्तों के काटने के मामले नज़र में आए हैं। वहीं, यदि कुत्ते के काटने के बाद कोई व्यक्ति रैबीज से बचाव का इंजेक्शन न ले, तो उसकी मौत तक हो सकती है।
मरीज़ की हो सकती है मृत्यु
इस बारे में जब 'न्यूज़ट्रैक' ने सहारा अस्पताल (Sahara Hospital) के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल (Senior Neurologist Dr. Sandeep Agarwal) से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि कुत्तों के काटने से रैबीज होती है, जो नर्वस सिस्टम की ही बीमारी होती है और सीधे उसी पर आक्रमण (अटैक) करती है। जिससे मरीज़ बेहोश हो जाता है। खाना-पानी निगलने में दिक्कत होती है। मस्तिष्क काम नहीं करता। पागलपन हो जाता है। मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और धीरे-धीरे आदमी की मृत्यु हो जाती है।
रैबीज के लक्षण:-
- बेहोश होना।
- खाना-पानी निगलने में दिक्कत।
- मस्तिष्क काम न करना।
- पागलपन होना।
- मांसपेशियां शिथिल हो जाना।
- सिरदर्द।
- घबराहट या बेचैनी।
- चिंता और व्याकुलता।
- भ्रम की स्थिति।
- बहुत अधिक लार निकलना।
- पानी से डर लगना।
- एक अंग में लकवा।
बचने का उपाय
मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल (Neurologist Dr. Sandeep Agarwal) ने बताया कि रैबीज से होनी वाली समस्याओं से बचने के लिए रैबीज का टीका अवश्य लगवाना चाहिए। नहीं तो 7-8 दिनों बाद रैबीज से होने वाली दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।
बीते 5 सालों में एक लाख से अधिक मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, रैबीज से बीते पांच सालों में एक लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं। जिसमें से 35 प्रतिशत से अधिक मौतें भारत में ही हुई हैं।