गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे की तीन अहम परियोजनाओं को अब हरी झंडी का इंतजार
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे की तीन अहम परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर )को अब रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है। रेलवे बोर्ड की सहमति मिलते ही सहजनवा- दोहरीघाट (70 किलोमीटर) खलीलाबाद-बखिरा-बासी-बहराइच-भीगां ( 210 किलोमीटर ) और घुघली-महराजगंज-आनंदनगर -(50 किलोमीटर) पर रेल लाइन बिछाने की भूमि अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।
गोरखपुर : गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे की तीन अहम परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर )को अब रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है। रेलवे बोर्ड की सहमति मिलते ही सहजनवा- दोहरीघाट (70 किलोमीटर) खलीलाबाद-बखिरा-बासी-बहराइच-भीगां (210 किलोमीटर) और घुघली-महराजगंज-आनंदनगर -(50 किलोमीटर) पर रेल लाइन बिछाने की भूमि अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।
रेलवे बोर्ड की सहमती के बिना पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन भी आगे की कार्यवाही शुरू नहीं कर पा रहा है। यातायात की दृष्टिकोण से तीनों क्षेत्र पिछड़े हैं सहजनवा - दोहरीघाट रूट पर पड़ने वाले बांसगांव क्षेत्र के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 40 से 50 किलोमीटर चलना पड़ता है। खलीलाबाद, बखिरा ,बासी और बहराइच क्षेत्र में भी यातायात के समुचित साधन नहीं है। लोग ट्रेनों की छुक-छुक की आवाज सुनने को बेचैन है।
क्षेत्र का होगा विकास
जनपद मुख्यालय होते हुए भी महाराजगंज में आज तक रेल लाइन नहीं बिछी नेपाल सीमा पर स्थित यह जिला मुख्यालय यातायात सुविधाओं के मामले में बहुत पीछे हैं। इन क्षेत्रों में रेल लाइन बिछ जाने से क्षेत्र का विकास तो होगा ही और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
हालांकि, इन पिछड़े क्षेत्रों में रेल लाइन को लेकर रेल मंत्रालय रेलवे बोर्ड और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन गंभीर है सहजनवा दोहरीघाट रेल लाइन के लिए रेल मंत्रालय ने पहले ही 743 .55 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया है सर्वे में स्टेशनों का निर्धारण कर लिया गया है। सहजनवा, पिपरौली, खजनी, उनवल बाजार, गोला बाजार ,बड़हलगंज, और दोहरीघाट में स्टेशन बनाए जाएंगे। इसको लेकर आम जनमानस में भी उत्सुकता बढ़ गई है।
बोर्ड की सहमति का इंतजार
जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पाटी (बीजेपी) की सरकार आने के बाद नई रेल लाइन मार्ग प्रशस्त तो हो गया है। रेल लाइन बिछाने में रेलवे को सबसे अधिक कठिनाई भूमि अधिग्रहण में होती है। लेकिन अब रेलवे को राज्य सरकार से भूमि अधिग्रहण करने में पूरा सहयोग मिलेगा। राज्य सरकार भी रेलवे के विकास और नई रेल लाइनों के निर्माण को लेकर गंभीर है।
वही पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि रेलवे बोर्ड को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेज दी गई है बोर्ड के निर्देश के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। रिपोर्ट पर बोर्ड की सहमति का इंतजार है।