डॉ महेंद्र सिंह ने कहा- अब जल्द होंगी UP के फार्मासिस्टों की नियुक्तियां

चिकित्सा क्षेत्र से जुडे़ लोग सोमवार (25 सितंबर) को फार्मासिस्ट दिवस के रूप में मना रहे हैं। साल भर में यही मात्र एक ऐसा दिन होता है जब लोग डॉक्टरों या अन्य स्टाफों की समस्याओं को छोड़कर फार्मासिस्टों (एमआर) के बारे में बात करते हैं। स्वास्थ्य सरकार के मंत्री से लेकर विभागी आला अधिकारी हर साल फार्मासिस्ट दिवस पर एमआरों को रोजगार देने के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन दिन बीतने के साथ फिर फार्मासिस्टों के हाल पहले की तरह ही रह जाते हैं।

Update: 2017-09-25 07:28 GMT

लखनऊ : चिकित्सा क्षेत्र से जुडे़ लोग सोमवार (25 सितंबर) को फार्मासिस्ट दिवस के रूप में मना रहे हैं। साल भर में यही मात्र एक ऐसा दिन होता है जब लोग डॉक्टरों या अन्य स्टाफों की समस्याओं को छोड़कर फार्मासिस्टों (एमआर) के बारे में बात करते हैं। स्वास्थ्य सरकार के मंत्री से लेकर विभागी आला अधिकारी हर साल फार्मासिस्ट दिवस पर एमआरों को रोजगार देने के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन दिन बीतने के साथ फिर फार्मासिस्टों के हाल पहले की तरह ही रह जाते हैं।

यूपी में करीब 75,000 रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हैं। ये लोग प्राइवेट कंपनियों में काम करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं। रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी चाहते हैं कि सरकार उनको रोजगार उपलब्ध कराए। लेकिन हर साल उनको स्वास्थ्य विभाग की ओर से आश्वासन तो मिल जाता है लेकिन जमीनी हकीकत में फायदे कुछ नहीं मिलते हैं।

इस बार मंत्री ने दिया है आश्वासन

चिकित्सा स्वास्थ्य राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेंद्र सिंह ने फार्मासिस्टों को भरोसा दिलाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों वाली आबादी वाले उपकेंद्रों पर फार्मासिस्टों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने फार्मासिस्टों को चिकित्सा जगत की रीढ़ की हड्डी बोला है। मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के इस कदम से यूपी के फार्मासिस्टों को बेहतर रोजगार मिलने की उम्मीद फिर से जगी है। राज्यमंत्री ने फार्मासिस्टों की तैनाती के संबंध में आ रही दिक्कतों को दूर करने की बात कही है।

जल्द होगी नियुक्तियां

निदेशक पैरामेडिकल डॉ ज्ञान प्रकाश ने बताया कि फार्मासिस्टों की तैनाती को लेकर शासन स्तर पर बैठक चल रही है। महानिदेशालय खाली पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने की तैयारी में है।

ये मांग है इनकी

राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डिप्लोमा तथा रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां करने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को सरकारी क्षेत्रों में काम करने का मौका दिया जाए तो वह और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

अभी ये काम करते हैं एमआर

फार्मासिस्ट अस्पतालों में दवाईयां पहुंचाने से लेकर उनके खोज पर काम करते हैं। सरकारी क्षेत्र के चिकित्सकों से मिलकर अपनी कंपनी की दवाओं के बारे में बताते हैं। दवाईयों के फार्मूले को देखकर चिकित्सक उन दवाओं को मरीजों के लिए लिखते हैं। चिकित्सकों को दवा बाजार में आने वाली नई दवाईयों के बारे में इन फार्मासिस्टों के माध्यम से ही पता चलता है।

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