खुद की कमाई से मानवता की सेवा में जुटे डा. पंकज श्रीवास्तव, राष्ट्रपति से मिला था सम्मान
केरल में चिकित्सा और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों सम्मानित डा. पंकज श्रीवास्तव को गरीबों की निस्वार्थ सेवा के लिए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने बैंगलौर आश्रम में सर्वेन्ट आफ पुअर अवार्ड से सम्मानित किया।
गोंडा: पूरा देश इन दिनों वैश्विक महामारी के आतंक से गुजर रहा है। लाकडाउन में सरकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, एनजीओ, समाजसेवी संस्थाओं समेत अनेक लोग किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। तो दूसरी ओर मरीजों के इलाज में भारी भरकम रकम वसूलने वालों ने मुंह फेर लिया है। अब तक किसी भी नर्सिंगहोम या प्राइवेट अस्पताल की ओर से मदद नहीं की गई है।
इस मुश्किल समय में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही संस्था जैनस इनीशिएटिव्स के संस्थापक हृदय रोग विशेषज्ञ डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने डाक्टरों की टीम के साथ बेबसाइट बनाकर हेल्पलाइन शुरू की है। लाखों लोग उनके वेबसाइट और हेल्पलाइन के द्वारा टेलीफोनिक सम्पर्क करके चिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों से निःशुल्क परामर्श लेकर लाखों लोग लाभ उठा चुके हैं।
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डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने अपनी बेबसाइट ‘क्वबेछमंत.उम‘ के माध्यम से मनोवैज्ञानिक, होम्योपैथिक, बाल विशेषज्ञ, किडनी विशेषज्ञ, ईएनटी, आयुर्वेदिक, योग चिकित्सक, दंत चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ और मधुमेह विशेषज्ञों की टीम बनाया है। उन्होंने लाकडाउन में चिकित्सकों तक न पहुंच पाने वाले रोगियों को परामर्श के लिए निःशुल्क हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है। उनकी टीम द्वारा यह एक निःशुल्क सेवा है और लोगों को सोशल मीडिया, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से घर बैठे उचित परामर्श, औषधि की जानकारी देते हैं। वे लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं और कोविड-19 के प्रसार पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने का भी आग्रह करते हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञ हैं डा. पंकज श्रीवास्तव
शहर के सुभाष नगर मोहल्ला के मूल निवासी डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव का जन्म वर्ष 1969 में हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा गोंडा में हुई। बाद में वह कानपुर चले गए। जहां उनके पिता नानक शरण लाल श्रीवास्तव रिजर्व बैंक कानपुर में कार्यरत थे। कानपुर मेडिकल कालेज से ही 1999 में एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। छह भाइयों में दो चिकित्सक और चार भाई बैंकों के प्रबंधक हैं।
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डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव इन दिनों डिवाइन हार्ट हास्पिटल लखनऊ के मेडकिल डायरेक्टर हैं। वह हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। एमसीएच की डिग्री हासिल करने के बाद वह चेन्नई चले गए। वहां रेलवे के एक हास्पिटल में उन्होंने पांच साल तक काम करने के बाद उन्होंने दो साल मशहूर फ्रंटियर लाइफलाइन हास्पिटल में काम किया। इसके बाद वह केरल चले गए। जहां उन्होंने प्रख्यात कार्डिक सर्जन डा. के एम चेरियन के फाउंडेशन द्वारा केरल के पारुमाला में संचालित रुरल मिशनरी अस्पताल में हृदय रोगियों का वर्षों तक सेवा भाव से इलाज किया। इसके बाद इसी संस्था के हाट सर्जरी अस्पताल पुष्पागिरी और तिरुविला में वर्ष 2013 तक काम किया।
समाज के लिए अविवाहित का संकल्प
छह भाइयों में तीसरे नंबर के डा. पंकज श्रीवास्तव ने छात्र जीवन में ही समाजसेवा का संकल्प लिया था। इसीलिए उन्होंने चिकिसा क्षेत्र को चुना और आजीवन ब्रहमचर्य का व्रत लिया। यही कारण है कि पैतृक के अलावा उनका अपना कोई घर तक नहीं है। उनका मानना है कि परिवार के साथ समाजसेवा कठिन हो जाता है। इसीलिए चिकित्सा ही नहीं कई अन्य माध्यमों से भी मानवता की सेवा करते हैं। इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए उन्होंने वर्ष 2011 में जैनस इनीशिएटिव्स संस्था की स्थापना की।
6 मर्च 2011 को इसका उद्घाटन सीएनआरआई के तत्कालीन चेयरमैन एन बाल गोपाल ने किया था। तब संस्था रुरल हेल्थकेयर डिलीवरी का काम कर रही थी। अब इस संस्था के माध्यम से वह कक्षा एक से लेकर उच्च शिक्षा में बेहतर अंक हासिल करने वाले गरीब मेधावियों को एक हजार के हिसाब से तीन वर्षों तक छात्रवृत्ति भी दे रहे हैं। इसके तहत उन्होंने अब तक सौ अधिक छात्रों का चयन किया है। उनका मानना है कि इससे मेधावी पढ़ लिखकर आगे बढ़ सकेंगे। उनकी संस्था को कहीं से कोई अनुदान आदि नहीं मिलता। चिकित्सीय पेशे से कमाई रकम से ही संस्था का संचालन होता है।
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राष्ट्रपति कलाम, श्रीश्री रवि शंकर ने किया सम्मान
केरल में चिकित्सा और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों सम्मानित डा. पंकज श्रीवास्तव को गरीबों की निस्वार्थ सेवा के लिए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने बैंगलौर आश्रम में सर्वेन्ट आफ पुअर अवार्ड से सम्मानित किया। इसके अलावा 2011 में केरल के रोटरी क्लब समेत कई अन्य संस्थाओं ने सम्मान से नवाजा।
बीते वर्ष 2019 में अंगदान महादान प्रोत्साहन कार्यक्रम में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया भी उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं। माटी के प्रति अगाध प्रेम को देखते हुए 08 जनवरी 2020 कोे अपने जन्म दिवस पर मेधावियों और देवी पाटन मंडल के लाखों लोगों की मौजूदगी में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी डा. पंकज को सम्मानित किया।
लाखों लोगों ने लिया परामर्श
जैनस इनीशिएटिव्स के संस्थापक डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि वे निःशुल्क हेल्प लाइन शुरू कर लोगों को निःशुल्क सलाह दे रहे हैं। इससे गोंडा, बलरामपुर, बहराइच के साथ-साथ पूरे भारत के एक लाख से लोगों ने चिकित्सक और मनोवैज्ञानिक को सुन कर लाभ उठा चुके हैं। इस माध्यम से काफी लोगों को कोरोना वायरस होने के भय को दूर करने के लिये फोन किया। कुछ लोगो ने नींद न आने, घबराहट और अपने गुस्से को काबू रखने के लिये भी सलाह मांगी।
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी हृदय रोग के साथ साथ ब्लड प्रेशर मधुमेह एवं कैंसर से सम्बंधित लोगों ने फोन कर निःशुल्क जानकारी ली है। बच्चों को चोट लगने में घरेलू इलाज़ के लिये भी फोन आये। मधुमेह रोगियों के साथ-साथ, महिलाओं ने भी अपनी कई समस्याएं साझा किया। उन्होंने बताया कि हृदय रोग अथवा किसी अन्य समस्या पर परामर्श लेना हो तो हेल्प लाइन नंबर 9924325771 अथवा वेबसाइट के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं।
10 हजार मरीजों का किया निःशुल्क इलाज
डा. पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि पैसे की कमी से तमाम बीमार लोगों का उपचार नहीं हो पाता है। ऐसे मरीजों के लिए दो साल पहले शुरू हुई निःशुल्क चिकित्सा शिविर की पहल से अब तक दस हजार लोगों का इलाज हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में वह कई वर्षों के बाद अपने शहर गोंडा आए थे। इसी दौरान एक व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा। उसे यहां के चिकित्सकों ने लखनऊ रेफर कर दिया। जिसके बाद उसे लखनऊ ले जाया गया, जहां पर उसका उपचार किया गया।
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करीब 15 दिनों बाद उसकी सेहत में सुधार हुआ। इसके बाद वह केरल से वापस यूपी आए और उन्होंने डिवाइन हार्ट हास्पिटल में मेडिकल डायरेक्टर के पद पर काम शुरू किया। इसके बाद जन्म भूमि का मोह उन्हें खींच लाया और उन्होंने जिले में विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से निःशुल्क चिकित्सा शिविर शुरू किया। इन शिविरों के माध्यम से वह अब तक करीब दस हजार से अधिक मरीजों का उपचार कर चुके हैं। अब वह इस माह से आईएमए के माध्यम से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले माह के अंतिम रविवार को लगने वाले कैंप में शामिल होते हैं।
10 लाख बच्चों का तैयार कर रहे हेल्थ डाटा
संस्था के जनसम्पर्क अधिकारी पंकज सिन्हा बताते हैं कि खुद के पैसे से संचालित जैनस इनीशिएटिव्स के माध्यम से डा. पंकज कुमार श्रीवास्तव स्कूल हेल्थ कार्यक्रम चला रहे हैं। इसके तहत पांच वर्षों में उनका 03 से 10 वर्ष आयु के 10 लाख स्कूली बच्चों का हेल्थ डाटा तैयार करने का लक्ष्य है। अब तक उन्होंने सैकड़ों स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया है। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंख, कान, नाक, गला के साथ ही विशेषज्ञ फिजीशियन भी होते हैं। परीक्षण के बाद उनके अभिभावकों को बच्चों में मिलने वाली बीमारियों से अवगत कराया जाता है।
बच्चों में एनीमिया और आंख से सम्बन्धित रोग ही अधिक मिलते हैं। इसके अलावा हृदय रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इंटरमीडिएट पास युवाओं को स्वास्थ्य मित्र के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी जाने की योजना है। इसमें युवाओं को हृदय रोग की जांच, ब्लड प्रेशर की जांच सहित अन्य विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा ताकि वे उसके सहारे जीवन यापन भी कर सकें।
10 हजार बच्चों को बांटा हाइजीन किट
डा. पंकज का कहना है कि डायरिया से हर साल लाखों लोग मरते हैं, जिसमें बच्चों की संख्या अधिक होती है। इसी के मद्देनजर जैनस इनीशिएटिव्स संस्था के बैनर तले गांवों में स्वास्थ्य जागरुकता शिविरों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के साथ ही उन्होंने अब तक गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, लखनऊ और गोरखपुर जिले में 10 हजार से अधिक बच्चों को हाइजीन किट बांटा है।
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इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को रहन सहन के तौर तरीके, स्वच्छता के फायदे बताया जाता है। संस्था द्वारा गोद लिए गांव में स्वस्थ गांव-सुंदर गाव के नारे के साथ वह हर रोग के डाक्टरों की टीम के साथ कैंप लगता है।
रिपोर्ट: तेज प्रताप सिंह