Gyanvapi Mosque Survey: मुस्लिम पक्ष के विरोध के चलते नहीं हो सका ज्ञानव्यापी परिसर का सर्वे
Gyanvapi Mosque Survey: न्यायालय के आदेश पर ज्ञानव्यापी परिसर (Knowledge Campus) में शुक्रवार से शुरू हुआ सर्वे का काम आज मुस्लिम पक्ष (Muslim side) के विरेध के चलते नहीं हो सका।
Gyanvapi Mosque Survey: न्यायालय के आदेश पर ज्ञानव्यापी परिसर (Gyanvapi mosque campus) में शुक्रवार से शुरू हुआ सर्वे का काम आज मुस्लिम पक्ष (Muslim side) के विरेध के चलते नहीं हो सका। सर्वे का विरोध (survey) करने के लिए आज मुस्लिम समाज के लोग एकत्र हो गए और उन्होने सर्वे टीम को अंदर नहीं जाने दिया जिसके चलते सर्वे टीम को वापस लौटना पड़ा।
बतातें चलें कि सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर (Civil Judge CD Ravi Kumar Diwakar) की अदालत ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य के मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है। कमीशन को 10 मई को अपनी रिपोर्ट जिला अदालत को देनी है। मां शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को लेकर दायर याचिका पर जिला अदालत ने कमीशन बैठाकर सर्वे व वीडियोग्राफी का आदेश दिया है।
मस्जिद कमेटी पक्ष के अधिवक्ताओं ने सर्वे का विरोध किया
आज पुलिस की बडी मौजूदगी के बीच वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष के पहुंचने के करीब एक घंटे बाद पहुंचे मस्जिद कमेटी पक्ष के अधिवक्ताओं ने सर्वे का विरोध किया। ज्ञानवापी परिसर से बाहर आए सर्वे कमिश्नर ने कहा कि हमें बैरिकेडिंग के अंदर जाने नहीं दिया गया। मस्जिद कमेटी के लोग दरवाजे पर आकर खड़े हो गए।
अब 9 मई की सुनवाई में पक्ष रखा जाएगा। इस दौरान पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में भी लिया है। पूछताछ में उसकी पहचान अब्दुल कलाम के तौर पर हुई। इधर, शुक्रवार को हुए हंगामे को देखते हुए चौक क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है। चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है।
आदेश में पूरे खसरे के सर्वे का आदेश
उल्लेखनीय है कि हिन्दू पक्ष का कहना है कि खसरा नंबर 9130 के सर्वे के हाईकोर्ट (High Court) ने आदेश दिए हैं। इस आदेश में पूरे खसरे के सर्वे का आदेश है, ऐसे में इतने बड़े क्षेत्र के सर्वे में तीन दिन का समय लग सकता है।
अदालत में मुकदमा दाखिल करने वाली महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, राखी सिंह के अनुसार वर्ष 1992 तक मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति थी। महिलाओं ने पुलिस के अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। सर्वे को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के 10 थानों की फोर्स और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अतिरिक्त सतर्कता के साथ माहौल पर नजर रखने के लिए कहा है।
पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन- ओवैसी
उधर मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का यह आदेश 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है, जो धार्मिक स्थलों के रूपांतरण पर रोक लगाता है। यह सरकार का कर्तव्य है कि वो कोर्ट के बताए कि वह गलत क्यों कर रही है।