Lucknow: लखनऊ का ये चौराहा अब राजू श्रीवास्तव के नाम से जाना जाएगा, जानें इसकी खासियत

Lucknow: लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि राजाजीपुरम स्थित ई-ब्लॉक चौराहा अब राजू श्रीवास्तव के नाम से जाना जाएगा।

Update: 2022-10-14 04:03 GMT

मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव: Photo- Social Media

Lucknow: मनोरंजन जगत में कॉमेडी को एक नया आयाम देने वाले मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने लंबे समय तक दिल्ली एम्स में एडमिट रहने के बाद पिछले दिनों प्राण त्याग दिए थे। गुरूवार को राजधानी लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया हॉल (Visvesvaraya Hall) में आयोजित एक कार्यक्रम में राजू को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया (Lucknow Mayor Sanyukta Bhatia) ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राजाजीपुरम स्थित ई-ब्लॉक चौराहा अब राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) के नाम से जाना जाएगा। इस चौराहे की खासियत ये है कि ये चौराहा मशहूर कॉमेडियन के ससुराल और लखनऊ स्थित आवास से बिल्कुल नजदीक है।

इस कार्यक्रम में लखनऊ मेयर के अलावा सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार अवनीश अवस्थी एवं उनकी पत्नी और मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी भी मौजूद रहीं। वहीं, कार्यक्रम में राजू श्रीवास्तव की पत्नी शिखा श्रीवास्तव, बेटे आयुष्मान और बेटी अंतरा श्रीवास्तव भी मौजूद थीं।

लखनऊ राजू का दूसरा घर था – मेयर

लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि राजधानी लखनऊ राजू श्रीवास्तव का दूसरा घर था। राजाजीपुरम में उनका सुसराल है, जहां कई मंचों पर उनसे मुलाकात हो जाया करती थी। राजू श्रीवास्तव हम सब के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।

मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव को श्रधांजलि : Photo- Social Media

मेयर ने कहा कि किसी इंसान को रूलाना बेहद आसान है मगर किसी को अपने बातों से हंसाना उतना ही कठिन काम है। किसी के चेहरे पर खुशी बिखेरना पुण्य का काम है। राजू इस कठिन काम को शानदार तरीके से किया करते थे। इसलिए राजू महान कलाकारों की श्रेणी में आते थे।

'गजोधर भईया' के नाम से घर-घर जाने जाते थे

कानपुर की गलियों से अपनी सफर की शुरूआत करने वाले मशहूर कॉमेडिनय काफी संघर्ष के बाद मनोरंजन जगत में अपना एक अलग स्थान बना पाए थे। तीन दशक से अधिक समय तक लोगों का मनोरंजन कराने वाले राजू 'गजोधर भईया' के नाम से घर-घर जाने जाते थे। बतौर यूपी फिल्म बोर्ड अध्यक्ष उन्होंने प्रदेश में सिनेमा इंडस्ट्री को खड़ा करने में अहम योगदान दिया था। 

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