विकास दुबे की पत्नी से 8 घंटे चली पूछताछ, ED ने दागे ये बड़े सवाल

करीब 8 घंटे तक चली लंबी पूछताछ में ईडी ने रिचा के सभी बैंक दस्तावेज, संपत्तियों और आयकर रिर्टन के दस्तावेजों की जांच की और इसके अलावा अन्य संपत्तियों के संबंध में जानकारी हासिल की।

Update: 2020-10-21 18:11 GMT
8 घंटे तक चली लंबी पूछताछ में ईडी ने रिचा के सभी बैंक दस्तावेज, संपत्तियों और आयकर रिर्टन के दस्तावेजों की जांच की और इसके अलावा अन्य संपत्तियों के संबंध में जानकारी हासिल की।

लखनऊ: कानपुर के बिकरू कांड में कुख्यात विकास दुबे व उसके साथियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामलें की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने विकास दुबे की पत्नी रिचा को पूछताछ के लिए आज निदेशालय के लखनऊ कार्यालय पर तलब किया गया था, जहां वह अपने दोनों बेटों और वकील के साथ पहुंची।

सूत्रों के मुताबिक करीब 8 घंटे तक चली लंबी पूछताछ में ईडी ने रिचा के सभी बैंक दस्तावेज, संपत्तियों और आयकर रिर्टन के दस्तावेजों की जांच की और इसके अलावा अन्य संपत्तियों के संबंध में जानकारी हासिल की।

शासन ने की थी जांच की सिफारिश

इससे पहले शासन ने ईडी और आयकर विभाग को पत्र लिखकर मामले में जांच करने की सिफारिश की थी। अधिकारियों का मानना था कि भले ही कुख्यात विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है, पर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के केस के तहत उसकी अपराध की कमाई से जुटाई गई संपत्तियों को अटैच कर सकती है। कानपुर कांड में ईडी ने पहले ही स्थानीय पुलिस से संपर्क कर एफआइआर की कॉपी समेत अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे।

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36 आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा

ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की एक टीम ने कानपुर जाकर लंबी छानबीन भी की थी। जिसमें उसके खजांची जय वाजपेयी से पूछताछ के दौरान कानपुर और लखनऊ में उसकी कई नामी-बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली थी। इस मामले में लंबी छानबीन के बाद ईडी ने बिकरू काण्ड में दर्ज एफआईआर के आधार पर विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी समेत 36 आरोपियों के खिलाफ बीती 14 सितम्बर को मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था। सूत्रों का कहना है कि ईडी विकास दुबे व जय बाजपेयी की काली कमाई से जुटाई गईं करोड़ों रुपये की संपत्तियों का पता लगा चुकी है, जिनमें कई स्कूल और कॉलेज, व्यवसायिक व आवासीय भूखंड भी हैं।

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बता दे कि बीती दो-तीन जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम कानपुर में चैबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव गई थी, जहां बीच सड़क पर जेसीबी लगाकर पुलिस की बढ़ गई तभी विकास और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 08 पुलिसवाले शहीद हो गए थे। इसके बाद एक्शन में आयी पुलिस घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत उसके मामा प्रेम प्रकाश पांडेय, उसके करीबी अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा समेत छह लोगों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है, जबकि करीब 34 आरोपित जेल में हैं।

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रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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