गोरखपुर: ईद पर लोगों ने पढ़ी अमन-चैन की दुआ, गले मिलकर दी ईद की बधाई

Update: 2017-06-26 04:58 GMT

गोरखपुर: एक महीने की कड़ी तपस्या के बाद ईद मनाई जाती है। दुनिया भर के मुसलमानों के लिए यह दिन खुशी और अल्लाह से इनाम लेने का दिन है।

आज के मुबारक दिन लोग ईदगाहों और मस्जिदों में इकट्ठा होकर ईद की नमाज अदा करते हैं। आज तमाम ईदगाहों पर मुसलमानों ने अल्लाताला को याद कर ईद की नमाज अदा कर एक-दूसरे को बधाई दी।

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मुसलमानों के अनुसार नमाज से पहले सदका-ए-फित्र देना जरूरी होता है। इसके तहत पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत (35 रुपए) गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें। ईद की नमाज के बाद इमाम खुतबा देते हैं और फिर दुआ मांगी जाती है।

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माना जाता है कि जब लोग ईद की नमाज से फारिग हो जाते हैं। तो एक घोषणा होती है कि तुम्हारे रब ने तुम्हें बख्श दिया। ईद की नमाज अदा करने के लिए ईदगाह जाने का हुक्म है। इसी तरह जिस रास्ते से ईदगाह जाएं, उसी रास्ते से वापस नहीं लौटना चाहिए। जानकारों के मुताबिक़ मोहम्मद साहब फरमाते हैं कि तीन लोगों की दुआ अक्सर कबूल होती है, पहला रोजेदार, दूसरा इंसाफ पसंद और तीसरा मजलूम। ईद की खुशी का सबसे ज्यादा सिला इन्हीं लोगों को नसीब होता है।

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भीषण गर्मी में 29 दिनों तक लगातार रोजा रखने के बाद आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका बेसब्री से इंतजार था। रविवार की शाम चांद के दीदार के साथ ही आज पूरे देश में एक साथ ईद मनाई जा रही है। मौसम साफ होने के कारण शहर के कई हिस्सों में लोगों ने चांद देखा और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।

देर रात तक वाट्सएप पर मुबारकबादी देने का सिलसिला चलता रहा। आज नमाज पढ़ने के बाद एक-दूसरे को बधाई देने के बाद लोग एक-दूसरे को सेवईयां खिला कर इस ईद के त्यौहार का इजहार किया।

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