इस बार साइकिल से चुनाव प्रचार करना पड़ेगा भारी, उम्मीदवारों को देना होगा हर खर्च का ब्यौरा
आगरा: 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अब अपने पार्टी के प्रचार प्रसार करने में लग चुकी हैं। लेकिन इस बार चुनाव के दोरान प्रचार के लिए साइकिल दौड़ना प्रत्याशियों को थोडा पर भारी पड़ने वाला है। पहली बार चुनाव आयोग द्वारा साइकिल को परिवहन के एक साधन के रूप में जोड़ने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए अब प्रचार के लिए साइकिल चलाने पर 15 रूपए प्रति दिन की दर से उम्मीदवारों के खर्च में जोड़ा जाएंगे। जबकि मोटर साईकिल से प्रचार करने की स्थिति में 150 रूपए प्रति दर से मोटरसाइकिल के देने होंगे।
आगे की स्लाइड में पढ़ें चुनाव की दरों में बढ़ोत्तरी की गई...
-इस बार झंडे से लेकर चाय, समोसे और मिठाई के लिए भी चुनावी दरो में पिछले चुनाव की दरों से बढ़ोत्तरी की गई है।
-अधिकारियों ने बताया कि सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को इन सभी खर्चों का ब्यौरा देना होगा।
-उन्होंने कहा की अधिकतर उम्मीदवार साइकिल और मोटर साइकिल का प्रयोग बड़ी रेली निकालने में करते है।
-इसी वजह से इन वाहनों को चुनावी खर्चो में शामिल किया गया है।
कार्यक्रमों की विडियो रिकॉर्डिंग भी करना जरूरी
-चुनाव प्रचार से संबंधित सभी कार्यक्रमों की विडियो रिकॉर्डिंग भी करनी जरूरी होगी।
-हालांकि साइकिल को चुनावी खर्च में शामिल करने पर राजनीतिक दलों इस निर्णय को गलत ठराया है।
-क्योंकि साइकिल आम आदमी के सबसे सस्ते और सुलभ साधन के रूप में है।
-इसे अन्य वाहनों की तरह चुनावी खर्चो में शामिल करना सही नहीं है।