उपभोक्ता परिषद् की लड़ाई रंग लाई, नहीं बढ़ेंगी UP में बिजली की दरें
विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा, वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी।
लखनऊ: पिछले कई महीनों से बिजली उपभोक्ताओं की बिजली के दाम न बढ़ाए जाने को लेकर चली आ रही लड़ाई रंग लाई है। विद्युत नियामक आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा, वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी।
दरअसल, बिजली कम्पनियों द्वारा अनेकों मद में जो करोड़ों अरबों की धनराशि मनमाने तरीके से अनुमोदित करने के लिए आयोग से गुजारिश की गयी थी। उसे आयोग ने खारिज कर दिया और उपभोक्ता परिषद की अनेकों दलीलों पर अपनी वैद्यानिक मोहर लगा दी है। प्रदेश की पांचों बिजली कम्पनियों मध्यांचल पूर्वांचल दक्षिणाचंल पश्चिमाचंल एवं केस्को द्वारा वर्ष 2021-22 के लिये दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन व वर्ष 2019-20 के लिये दाखिल ट्रू-अप पर आज विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह व सदस्यों के के शर्मा एवं वी के श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुये यह आदेश जारी कर दिया है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नही किया जायेगा वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद की लम्बी लडाई काम आयी। अवधेश वर्मा ने बताया कि प्रदेश की बिजली कम्पनियो द्वारा उपभोक्ता परिषद् के कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव को रोकने के लिए 10 से 12 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज लगवाने के लिए नियामक आयोग में रेगुलेटरी असेट के रूप में रुपया 49827 करोड़ दाखिल कर दिया गया था। जिस पर उपभोक्ता परिषद् ने अनेको विधिक सवाल खड़ा करते हुए उसे खारिज करने की मांग उठाई थी। जिसे विद्युत नियामक आयोग द्वारा उचित मानते हुए बिजली कम्पनियों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया जो उपभोक्ताओ की बड़ी जीत है। ग्रामीण किसानों के निजी टूयूबबेल पर मीटर भले लग जाये लेकिन अब उनसे वसूली एलएमवी 5 की फिक्स रू0 170 प्रति हार्स पावर प्रति माह की दर पर ही वसूली होगी।
विद्युत नियामक आयोग ने स्लैब परिवर्तन रेगुलेटरी सरचार्ज असेट के प्रस्ताव को खारिज कर यह सिद्ध कर दिया कि उपभोक्ता परिषद की मांग सही थी। उपभोक्ता परिषद् के विधिक तथ्यों के सामने बिजली कम्पनियो की नहीं चली। वर्मा ने बताया कि पांचो बिजली कम्पनियो मध्यांचल पूर्वांचल दाक्षिरान्चल पक्षिमांचल एवं केस्को द्वारा ट्रू-अप में निकले गये कुल 8892 करोड़ गैप पर बड़ी कटौती करते हुए उपभोक्ता परिषद् की दलीलों को मानते हुए नियमों विनयमो की परिधि में प्रदेश के उपभोक्ताओ का ही बिजली कम्पनियों पर कुल लगभग 672 करोड़ रुपया सरप्लस निकाल दिया है जो उपभोक्ताओं की बड़ी जीत है।
उपभोक्ता परिषद की लम्बी लड़ाई के बाद उसमे भी बड़ी कटौती करते हुए आयोग ने प्रदेश के उपभोक्ताओ का ही बिजली कम्पनियो पर कुल लगभग 387 करोड़ रुपया सरप्लस निकाल दिया है। यानी सब मिलाकर बिजली कम्पनियो पर इस बार भी कुल लगभग 1059 करोड़ सरप्लस निकला है। अब प्रदेश के उपभोक्ताओ का बिजली कम्पनियों पर कुल लगभग रुपया 20596 करोड़ रुपया सरप्लस हो गया है।