बहराइच: कतर्नियाघाट के आस पास जंगल से सटे चार गांवों में रात नेपाल से आए हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। तीन ग्रामीणों के आशियाने ढहा दिए। 40 बीघा गन्ना व धान की फसल रौंद डाली। पूरी रात गांव के लोग ढोल पीटते हुए उन्हें भगाते रहे। हालात बेकाबू होने पर ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन कोई भी वनकर्मी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। रातभर आतंक मचाने के बाद सुबह हाथियों का झुंड जंगल की ओर चला गया। तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। रात में हाथियों के उत्पात से गांव के लोग दहशत में हैं।
क्या है पूरा मामला
-कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के आस पास कई गांव स्थित हैं।
-नेपाल से हाथियों का झुंड खाता कारीडोर के जंगल से होते हुए निशानगाड़ा रेंज के हरिहरपुर लालपुर गांव पहुंच गया।
-रात 12 बजे के आस पास हाथी गन्ने और धान के खेत में पहुंचे।
-चिंघाड़ सुनकर सो रहे ग्रामीणों की नींद खुली। पहले तो सभी ने समझा कि जंगल में हाथी हैं।
-लेकिन आवाज जैसे-जैसे नजदीक आती गई, गांव के लोग अपने घरों से निकल पड़े।
-मशाल जलाकर ढोल पीटते हुए ग्रामीणों ने चिल्लाकर उन्हें भगाना शुरू किया।
-हाथी गन्ने व धान के खेत में रुक गए।
-हाथियों के झुंड ने गांव निवासी बिंद्रा सिंह, जोगा सिंह, केवल सिंह, गिरीश चंद्र के गन्ने और धान की 8 एकड़ फसल को रौंद डाली।
-लगभग 3 घंटे तक हाथियों का उत्पात खेतों में रहा। जिसके चलते 40 बीघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
-दो बजे हाथियों का झुंड जब खैरटिया मझरा की ओर चला तो झुंड ने बिंद्रा सिंह के फार्म हाउस के पंपिंग सेट को उखाड़ दिया।
-रात ढाई बजे के आस पास हाथी खैरटिया गांव के निकट पहुंचे।
-यहां हाथियों ने खेत में बने गुरुचरन, लखवीर और जसपाल सिंह के आशियानों को रौंद डाला।
-यहां भी लोगों ने ढोल पीटते हुए मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश की।
-लेकिन हाथियों का झुंड खेतों में घुस गया। हाथियों ने गन्ना व धान की फसल को जमकर तहस-नहस किया।
-भोर में साढ़े चार बजे तक हाथी खेत में जमा रहे।
-इस दौरान हाथियों ने गुरुचरन, लखवीर, जसपाल, कमलेंद्र, गुरमीत और गुरुनेल की धान व गन्ने की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया।
-रात में ही ग्रामीणों ने हाथियों के झुंड के आने की सूचना निशानगाड़ा और कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय को दी।
-लेकिन कोई भी वनकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। जिस कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ।
टीम भेजकर कराएंगे जांच, मिलेगा मुआवजा
-हाथियों का झुंड नेपाल के रायल बर्दिया नेशनल पार्क से आए दिन आता रहता है।
-कभी कभी हाथी आबादी के इलाके में घुस जाते हैं।
-रात में हाथियों के हमले की सूचना नहीं थी। अब पता चला है। दोनों रेंज की टीमों को मौके पर भेजकर जांच करवाएंगे।
-अगर ग्रामीणों का नुकसान हुआ है तो उन्हें मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी।