Lucknow: SGPGI में रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर में भर्ती के साथ शुरू हुआ EMRTC, अब होगा गुर्दा प्रत्यारोपण

Lucknow News Today: राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में मंगलवार को आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र शुरू हुआ।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-17 21:34 IST

SGPGI लखनऊ: आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र शुरू

Lucknow News Today: राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में मंगलवार को आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र शुरू (Emergency medical and kidney transplant center started) हुआ। पहले मरीज के रूप में शिवम मिश्रा को भर्ती कर विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद ने आंशिक रूप से भवन को क्रियाशील किया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो. आर के धीमन ने नारियल फोड़कर और प्रथम देव श्री गणेश व महावीर बजरंगबली को पुष्पार्पण कर औपचारिक शुभारंभ किया। यहां उपस्थित मरीज, तीमारदार और कर्मचारियों के बीच मिष्ठान्न वितरित किया गया।

भवन में हैं 558 बेड 

बता दें कि इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेन्टर (Emergency And Renal Transplant Center) का शिलान्यास 15 अक्टूबर, 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था। इस भवन में 558 बेड है, जिसमें इमरजेंसी, नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग अपना कार्य करेंगे। भवन को तीन वर्ष के रिकार्ड समय में तैयार किया गया। भवन का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने 8 जनवरी 2022 को किया गया था।


इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. गौरव अग्रवाल, नेफ्रोलॉजी विभाग (Department of Nephrology) के संकाय सदस्यों, रेजीडेंट चिकित्सकों के अलावा यूपीआरएनएन के अभियंता सहित संस्थान के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।  


एपेक्स ट्रामा सेंटर में भी ओपीडी हुई थी शुरू

गौरतलब है कि इससे पूर्व न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, ट्रॉमा सर्जरी, ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी और फिजिकल मेडिसिन रिहैबिलिटेशन विभागों की ओपीडी को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया था। जो कि एपेक्स ट्रॉमा सेंटर परिसर में ही एपेक्स ट्रॉमा सेंटर आउट पेशेंट डिपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में शुरू किया गया। इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया था कि इमरजेंसी, ट्रॉमा आईसीयू और ट्रॉमा वार्ड में इन-पेशेंट बेड की कुल संख्या 34 से बढ़ाकर 60 की जाएगी।

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