मनोरंजन कर एक्ट की धारा 3(1) को चुनौती, सरकार से जवाब तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मनोरंजन कर अधिनियम की धारा 3 (1) एवं उ.प्र. टेलीविजन नेटवर्क (प्रदर्शन) नियमावली के नियम 11 की वैधानिकता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और बकाये का 50 फीसदी जमा करने की शर्त पर शेष की वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

Update: 2019-05-10 15:44 GMT

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मनोरंजन कर अधिनियम की धारा 3 (1) एवं उ.प्र. टेलीविजन नेटवर्क (प्रदर्शन) नियमावली के नियम 11 की वैधानिकता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और बकाये का 50 फीसदी जमा करने की शर्त पर शेष की वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

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याचिका की सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने डेन नेटवर्क लिमिटेड की याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता अरविन्द वर्मा, तनीषा जहांगीर मुनीर व मेहा रश्मी तथा सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने पक्ष रखा। कोर्ट ने अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी की है।

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याची का कहना है कि वह सर्विस प्रोवाइडर नहीं है। टैक्स देने की उसकी जवाबदेही नहीं है। उसकी भूमिका सीमित है। उससे जबरन कर वसूली की जा रही है।

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