Mathura News: सबसे बड़े प्रवासी पक्षी रोजी पेलिकन की जोधपुर झाल पर पहली बार दस्तक
Mathura News: आगरा और मथुरा जनपद के मध्य फरह क्षेत्र स्थित जोधपुर झाल का संरक्षण उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। इसके कारण जोधपुर झाल पक्षियों का बेहतर ढिकाना बन गया है।;
Mathura News: उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा विकसित जोधपुर झाल वेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों में सबसे बडे आकार के पक्षी रोजी पेलिकन पहली बार नजर आए हैँ। 38 की संख्या में दो समूह में यहां पहुंच कर इन प्रवासी पक्षियों ने जोधपुर झाल वेटलैंड के आकर्षण को और बढ़ा दिया है।आगरा और मथुरा जनपद के मध्य फरह क्षेत्र स्थित जोधपुर झाल का संरक्षण उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। इसके कारण जोधपुर झाल पक्षियों का बेहतर ढिकाना बन गया है। देश विदेश से बड़ी संख्या में पक्षी यहाँ पहुँच रहे हैँ। इसमें पहली बार सबसे बड़े प्रवासी पेलिकन ने भी जोधपुर झाल पर पहली दस्तक दी है। अभी तक यूरोप से आने वाली पेलिकन की प्रजातियां भरतपुर के घना और आगरा के सूरसरोवर में नजर आते थे। पहली बार प्रवासी पक्षी रोजी पेलिकन के दो समूह जोधपुर झाल पर देखे गए हैँ।
बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डाॅ के पी सिंह ने बताया कि भारत में पेलिकन की तीन प्रजातियां मिलती हैं। इन में डालमेशन पेलिकन और ग्रेट-व्हाइट पेलिकन ( रोजी पेलिकन ) प्रवासी प्रजातियां हैं जबकि स्पाॅट-बिल्ड पेलिकन प्रजनक आवासीय प्रजाति है। आगरा के सूरसरोवर और भरतपुर के घना में डालमेशन पेलिकन और ग्रेट-व्हाइट पेलिकन ( रोजी पेलिकन) प्रजातियां अपने सर्दियों के प्रवास के दौरान डेरा डालती हैं।
रोजी पेलिकन पक्षीवर्ग के परिवार पेलेकेनिडे में वर्गीकृत सबसे बडे आकार का पक्षी है। इसका वैज्ञानिक नाम पेलेकेनस ओनोक्रोटलस है। रोजी पेलिकन सेन्ट्रल एशियन फ्लाई-वे के अंतर्गत उत्तर पूर्व यूरेशियन क्षेत्र जॉर्जिया, अजरबैजान, कजाकिस्तान, यूक्रेन में प्रजनन करती हैं। इस क्षेत्र में प्रजनन करने वाली रोजी पेलिकन की जनसंख्या भारत के तराई क्षेत्र के अलावा तुर्कमेनिस्तान, इरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड में सर्दियों के प्रवास पर आती हैं।जलीय पक्षियों पर शोध कर रही निधि यादव बताती हैं कि स्वच्छ पानी की झील पेलिकन का हेविटाट होता है। पेलिकन का मुख्य भोजन मछलियां होती हैं। पेलिकन मछली का शिकार करके अपनी चोंच के निचले भाग में बनी थैली में संग्रहित करके रखता है।
जोधपुर झाल वेटलैंड को विकसित करने की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माण संबंधी कार्य और वन विभाग को यहाँ पौधरोपण की जिम्मेदारी दी गई है। निर्माण कार्य पूरा हो रहा है, जबकि पौधरोपण होना है। इसे पक्षियों के अनुकूल और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। इस बार अनेक स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की प्रजाति यहाँ देखने को मिली हैँ। कई प्रजाति पहली बार पहुंची हैँ। पिछले दिनों सफ़ेद गिद्ध यहां जोड़े में पहुंचा था, जो विलुप्तप्राय प्रजाति में है।