कैसे पास होगा पप्पू: वायरल वीडियो में देखें जिम्मेदार कौन, कैसे रूकेगी नकल

एक छात्र अपने फोन से खुलेआम मेज पर रखकर नकल कर रहा था, वहीं दूसरे छात्र के मोबाइल फोन में जब चेक किया गया तो परीक्षा में आने वाला पूरा पेपर उत्तर सहित उसके मोबाइल में नजर आया।

Update: 2021-03-03 07:58 GMT
कैसे पास होगा पप्पू: वायरल वीडियो में देखें जिम्मेदार कौन, कैसे रूकेगी नकल (PC: social media)

एटा: उत्तर प्रदेश सरकार चाहे कितने भी ईमानदारी एवं स्वच्छ शासन प्रशासन नकल विहीन परीक्षायें कराने के दावे करे किंतु नकल रोकना उनके वश की बात नहीं। किंतु प्रशासन ऐसे स्थान पर मीडिया के जाने पर पोल खुलने के भय से रोक लगाकर अच्छी शांतिपूर्ण परीक्षा का दावा करते हमेशा देखे जा सकते हैं।

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जिले के अधिकारीयों की कार्य प्रणाली की मंगलवार के दिन हुई जनपद मुख्यालय स्थित एटा कासगंज मार्ग पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में इलेक्ट्रीशियन विषय की लिखित प्रयोगात्मक परीक्षा चल रही थी। इस सम्पन्न हो रही परीक्षा में परीक्षा देने आए छात्रों द्वारा खुलेआम मोबाइल फोनों से नकल की जा रही थी। अधिकतर छात्र मोबाइल फोन में होने वाली परीक्षा का उत्तर देखकर ही परीक्षा दे रहे थे।

एक छात्र अपने फोन से खुलेआम मेज पर रखकर नकल कर रहा था

एक छात्र अपने फोन से खुलेआम मेज पर रखकर नकल कर रहा था, वहीं दूसरे छात्र के मोबाइल फोन में जब चेक किया गया तो परीक्षा में आने वाला पूरा पेपर उत्तर सहित उसके मोबाइल में नजर आया। इस संबंध में परीक्षा कक्ष में ड्यूटी दे रहे अध्यापक महीपाल सिंह से पूछा गया तो वह कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि वह दूसरे कमरे में गये थे, इसी दौरान कोई छात्र मोबाइल से नकल करने लगा होगा।

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परीक्षा के समय परीक्षा कक्ष में छात्र मोबाइल लेकर अंदर पहुंच कैसे गए

इस पूरी परीक्षा में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि परीक्षा के समय परीक्षा कक्ष में छात्र मोबाइल लेकर अंदर पहुंच कैसे गए और अगर पहुंच भी गए तो कक्ष निरीक्षकों तथा परीक्षा संपन्न करा रहे पर्यवेक्षक द्वारा उन छात्रों के मोबाइल जब्त क्यों नहीं किए गए। उनके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यह छात्र किनके संरक्षण में परीक्षा दे रहे थे या दबाव में?

फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।

बच्चे हैं मोबाइल फोन देख कर परीक्षा दे रहे हैं, तो क्या हुआ बच्चों से गलतियां हो ही जाती हैं

वहीं एक छात्र ने रुपए लेकर नकल कराने का आरोप भी लगाया है कि हमें अंदर मोबाइल लाने के लिए रुपए देने पड़े हैं। परीक्षा कराने के लिए प्रशासन द्वारा तैनात किए गए पर्यवेक्षक दिनेश्वर सहाय जो एटा के वर्णी जैन इंटर कॉलेज के शिक्षक हैं, उन्होंने कहा कि बच्चे हैं मोबाइल फोन देख कर परीक्षा दे रहे हैं, तो क्या हुआ बच्चों से गलतियां हो ही जाती हैं।

परीक्षा में नियम सबके लिए समान है

उनके इस गलत बयान ने पूरा माहौल ही बदल कर रख दिया, साथ ही बच्चों को परीक्षा में खुलेआम नकल कराने की छूट में सहयोग प्रदान करने जैसा लगने लगा है। उक्त मोबाइल से नकल कराए जाने के संबंध में जब जिला विद्यालय निरीक्षक मिथिलेश कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक का यह बयान गलत और नियम विरुद्ध है, परीक्षा में नियम सबके लिए समान है।

कमरों के सीसीटीवी कैमरे खराब है, चूहों ने कैमरा के तार काट दिए हैं

यदि मोबाइल फोन से परीक्षा हो रही थी तो यह गंभीर विषय है, उक्त जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। उक्त परीक्षा के समय एक भारी अनियमितता और भी देखने को मिली जिसमें विद्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में सिर्फ परीक्षा संपन्न करा रहे। कमरों के ही कैमरे बंद नजर आए शेष कमरों के कैमरे चालू थे। वहां मौजूद शिक्षक से पूछने पर उसने बताया कि कमरों के सीसीटीवी कैमरे खराब है, चूहों ने कैमरा के तार काट दिए हैं।

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शेष कमरों के कैमरे सही है तो उन कमरों में यह परीक्षाएं क्यों नहीं कराई गई

जबकि शेष कमरों के कैमरे सही है तो उन कमरों में यह परीक्षाएं क्यों नहीं कराई गई। इससे उनकी कार्यप्रणाली मैं भ्रष्टाचार की बू आती है, आपको बताते चलें बीते आईटीआई के प्रधानाचार्य नरवीर सिंह एक माह पूर्व रिटायर्ड हो चुके हैं। उनके स्थान पर कासगंज आईटीआई के प्रधानाचार्य अवधेश कुमार को एटा के विद्यालय का कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया है।

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मंगलवार की परीक्षा में वह भी नहीं पहुंचे थे, आपको बताते चलें कि इस पूरे क्रम में परीक्षार्थियों के साथ विद्यालय में तैनात अध्यापक भी निश्चिंत बैठे अपने मोबाइल फोनों को चलाते वीडियो देखते दिखाई दे रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट नजर आने लगा है कि परीक्षार्थियों को खुलेआम मोबाइल से परीक्षा देने की छूट प्रदान की गई और जब उनकी वीडियो बन गई तो वह कोई जवाब नहीं दे सके और वीडियो वायरल होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाई न करना जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है।

आखिर खुलेआम नकल करते वीडियो वायरल होने के बाद भी परीक्षा क्यों नहीं निरस्त की गई यह भी एक बड़ा सवाल है। उक्त संबंध में जिलाधिकारी एटा विभा चहल से की बार फोन से सम्पर्क करने के प्रयास के बाद भी उन्होंने बात नहीं की।

रिपोर्ट- सुनील मिश्रा

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