Etah News: स्कूल नहीं आते हैं गुरुजी, घर बैठे लेते हैं हजारों की पगार, ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला

Etah News: एटा जिले में आजकल शिक्षकों और उनके विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों के अभिभावक शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं, वैसे-वैसे ऐसे भ्रष्ट शिक्षकों का आचरण उजागर हो रहा है। लगातार विरोध के बावजूद भी वे सुधर नहीं रहे हैं।

Report :  Sunil Mishra
Update:2024-10-03 21:46 IST

Etah News (Pic- Newstrack)

Eatah News: एटा जिले में आजकल शिक्षकों और उनके विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों के अभिभावक शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं, ऐसे भ्रष्ट शिक्षकों का आचरण उजागर हो रहा है। लगातार विरोध के बावजूद भी उनमें सुधार नहीं आ रहा है। गुरुवार को तहसील क्षेत्र के गांव रसीदपुर मितरौल के ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया और ग्रामीणों ने एसएमसी के नेतृत्व में स्कूल पहुंचकर स्कूल न आने वाले शिक्षकों की अनुपस्थिति दर्ज कर दी और स्कूल पर ताला जड़ दिया। क्षेत्रीय विधायक और बीएसए एटा को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। इस घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।

तहसील जलेसर क्षेत्र के गांव रसीदपुर मितरौल में गुरुवार को विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामवीर सिंह के नेतृत्व में लगभग तीन दर्जन अभिभावक गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंच गए। जहां उन्हें सहायक अध्यापक प्रकाशवीर सिंह एवं शिक्षामित्र महेश चंद्र उपस्थित मिले। एसएससी अध्यक्ष द्वारा शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थित प्रधानाध्यापक हेमंत कुमार सिंह, सहायक अध्यापक गौरव यादव,सहायक अध्यापक सचिन कुमार की दो व तीन अक्टूबर की तारीखों में खाली पड़े कॉलम में अनुपस्थिति लगा दी गयी। इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। लगभग साढ़े नौ बजे विद्यालय के प्रधानाध्यापक और फिर सचिन कुमार सहायक अध्यापक भी आ गये। मगर ताला लगाकर गेट पर खड़े रहे ग्रामीणों ने दोनों शिक्षकों को अंदर नहीं घुसने दिया।

एसएमसी अध्यक्ष रामवीर सिंह सहित गांव के रमेश राजपूत, विनोद कुमार,भूपेन्द्र कुमार,राकेश कुमार,रवि कुमार, शीलेन्द्र सिंह,जयपाल सिंह आदि अनेक ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में 69 बच्चे पंजीकृत हैं। जबकि चार शिक्षक एवं एक शिक्षामित्र तैनात है। जिनमें से एक-दो शिक्षक तो थोड़ी बहुत देरी से विद्यालय आ जाते हैं। मगर गौरव कुमार यादव नाम के अध्यापक बिल्कुल स्कूल नही आते हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि वह घर बैठे ही 60-70 हजार रुपये का वेतन सरकार से ले रहे हैं। उक्त अध्यापक द्वारा विभागीय अधिकारियों को महीनेवारी दी जाती है। जिस कारण अध्यापक विद्यालय नहीं आकर अपने किसी दूसरे बिजनेस में लगे रहते हैं। इस सम्बन्ध में कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी है, मगर विभागीय अधिकारी न तो इस विद्यालय में निरीक्षण करने आते हैं और नहीं शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई करते हैं। परिणामस्वरूप इस विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों का भविष्य चौपट होता जा रहा है। स्कूल में बच्चों की संख्या निरन्तर घटती जा रही है।

पूर्व में निलंबित हो चुका है सहायक अध्यापक आपको बताते चलें गांव रसीदपुर मितरौल के रमेंश राजपूत,रामवीर सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक गौरव यादव वर्षों से विद्यालय नहीं आ रहे है। गत विधानसभा चुनाव से पूर्व वर्ष 2021 में तत्कालीन बीएसए द्वारा विद्यालय नहीं आने की शिकायत पर किये गये आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये जाने पर निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद भी शिक्षक के हालात नहीं सुधरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्लॉक में शिक्षकों द्वारा विभागीय अधिकारियों को महीनेवारी देकर विद्यालय नहीं आने का सिलसिला जोरो पर चल रहा है।

विधायक से शिकायत करने के बाद भी नहीं आया कोई अधिकारी गांव के रमेश सिंह वर्मा, रामवीर सिंह, विनोद कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों के नहीं आने की शिकायत विभागीय अधिकारियों से मोबाइल पर की गई थी तथा क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर को इस समस्या से अवगत कराया था। विधायक द्वारा इसकी जानकारी बीएसए दिनेश कुमार को दी गयी थी मगर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने डीएम एटा प्रेम रंजन सिंह से शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

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