Etah News: राम मंदिर की तरह भव्य बनेगा जिनालय, इस दिन होगा शिलान्यास
Etah News: यह भव्य मंदिर लगभग 100 फुट चौड़ा 136 फूट लम्बा एवं 91 फिट ऊंचा होगा। इस प्राचीन मंदिर के कोशो दूर से दर्शनार्थीयो को रोमांचित करने वाला यह सम्पूर्ण मंदिर सिर्फ पत्थर द्वारा निर्मित होगा।
Etah News: उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के एटा शिकोहाबाद मार्ग स्थित गाँव फफोतू में शकल दिगंबर जैन समाज के पंथ प्रभावना ट्रस्ट द्वारा 91 फीट ऊंचा एक जिनालय भगवान प्रभु श्री राम मंदिर अयोध्या की तरह नागर शैली में लाल पत्थर द्वारा भव्य एवं सुंदर मंदिर का निर्माण किया जाएगा। जिसमें जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान की अखंड पाषाण से निर्मित 25 फीट ऊंची उत्तर भारत की प्रथम एवं प्राचीन जैन प्रतिमा विराजमान की जाएगी। जिसके निर्माण के लिये शिलान्यास समारोह 16 फरवरी को प्रातः 9 बजे किया जाएगा। जिसमे पंथ प्रभावना ट्रस्ट रजि एवं सकल दिगंबर जैन समाज एटा द्वारा तैयारी चल रही है। इस आयोजन मे शामिल होने के लिए देश भर से हजारो गुरूभक्त आने की सम्भावना है।
परम पूज्य जिनायतन पंथ प्रवर्तक भावलिंगी संत श्रमणाचार्य आचार्य विमर्श सागर मुनिराज के दिव्य मंगल आशीर्वाद एवं पावन सानिध्य से बनने जा रहा है। निर्माण करने वाले ट्रस्ट की अध्यक्षा मति शशि जैन फफोतू द्वारा एक प्रेस वार्ता में मीडिया को बताया कि यह जैनमंदिर प्रभु श्रीराम मंदिर अयोध्या की तरह नागर शैली में लाल पत्थर से भव्य एवं सुन्दर मन्दिर का निर्माण किया जाएगा। जैन धर्म के सोलहवे तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान की अखंड पाषाण से निर्मित 25 फुट ऊंची, उत्तरी भारत की प्रथम एवं प्राचीन जिन प्रतिमा विराजमान की जाएगी एवं तीर्थंकर कुंथुनाथ एवं अरनाथ की 21 फुट ऊंची जिन प्रतिमाएं भी विराजमान की जाएगी। साथ ही इस भव्य मंदिर में सर्वतोभद्र चौबीस मंदिरो की मनोहरी रचना की जाएगी।
यह भव्य मंदिर लगभग 100 फुट चौड़ा 136 फूट लम्बा एवं 91 फिट ऊंचा होगा। इस प्राचीन मंदिर के कोशो दूर से दर्शनार्थीयो को रोमांचित करने वाला यह सम्पूर्ण मंदिर सिर्फ पत्थर द्वारा निर्मित होगा। इस मंदिर की खास बात है कि मंदिर निर्माण मे लोहे या किसी भी अन्य धातु का उपयोग नही किया जाएगा। इस मंदिर निर्माण के लिए गुजरात के आर्किटेक की एक विशेष टीम द्वारा इस भव्य मंदिर की अद्भुत संरचना के लिए विशेष रूप से प्लान तैयार किया जा रहा है। 136 कलामय स्तंम्भो के ऊपर यह संपूर्ण मंदिर खड़ा किया जाएगा एवं 51 फीट ऊंचा मूल शिखर 31 फीट ऊंचा सामरन मंडप एवं 21 फीट ऊंची श्रंगार चौकी का निर्माण किया जाएगा।
इस मंदिर की दीवालो पर जैन दर्शन के अनेक प्रतीको सहित महापुरुषों के जीवन का वृत्त जीवत चित्रण किया जाएगा जो आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरक होगा। मंदिर के सामने 51 फुट ऊंचा विशाल मानस्तंभ निर्मित होगा जिसमे चारो तरफ जिनेन्द्र भगवान की मूर्ति विराजमान होगी एवं संपूर्ण क्षेत्र परिसर में साधु-संतो के साधना योग्य आचार्य विराग सागर संत निलय का भी निर्माण किया जाएगा। जिसमे एटा नगर के गौरव फफोतू में जन्मे आचार्य सन्मति सागर महामुनिराज एवं जलेसर के समीप कोसमा में जन्मे वात्सल्य रत्नाकर आचार्य विमल सागर महामुनिराज के भी भव्य गुरू मंदिरो का भी निर्माण कार्य किया जाएगा।
जन्म - भूमि की वंदना करने आने वाले यात्रीगण के ठहरने की सर्व सुविधा युक्त एक भव्य धर्मशाला का भी निर्माण होगा एवं अध्ययन के लिए एक विशाल ग्रंथालय भी स्थापित होगा। इसके अलावा परिसर मे प्रवचन सभागार श्रमण आहार शाला एवं सुन्दर गार्डन, एवं बच्चो की शिक्षा के लिए गुरुकुल एवं आरोग्यधाम ( ओषधालय ट्रामा सेंटर ) का निर्माण भी शामिल है।