Etah News: जमीनी विवाद में काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, भयभीत परिवार ने किया गांव से पलायन
Etah News: दरवाजों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखकर गांव छोड़ा। पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
Etah News: जनपद के थाना कोतवाली देहात के गांव हसनपुर में एक हैवानियत भरा मामला सामने आया है। यहां दबंगों के कहर के चलते अनुसूचित जाति के तीन परिवारों में दहशत का आलम इस कदर है कि वे गांव छोड़ कर पलायन कर चुके हैं। उनके घर के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है। घर पर एक बोर्ड भी टंगा है, जिस पर लिखा है कि ‘मकान बिकाऊ है।’
ये है हैवानियत का पूरा मामला
घटनाक्रम के अनुसार एटा कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव हसनपुर में करीब 12 दिन पहले दबंगों ने इस परिवार के एक युवक का निजी अंग रेत दिया गया। वजह जमीन पर कब्जा करने की नीयत से हुआ विवाद बताया जा रहा है। पीड़ित द्वारा घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
गांव हसनपुर निवासी सतेंद्र सिंह ने 16 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया कि गांव के ही विक्रम सिंह ठाकुर व सतेंद्र उर्फ भूरे ठाकुर ने हमला करके उसे पीटा और चाकू से निजी अंग रेत दिया। वहीं उसकी पांच माह की गर्भवती पत्नी पूजा को भी लाठी-डंडों से पीटकर घायल कर दिया गया। उसने घटना के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि यह लोग मेरी खाली पड़ी जमीन पर खड़े बबूल के पेड़ काट रहे थे। इसका मैंने विरोध किया था।
पीड़ित परिवारों का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी आरोपी पक्ष की ओर से समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है। फैसला न करने पर जान से मारने की धमकियां मिलने से भयभीत होकर सतेंद्र व उसके चाचा के पुत्र संतोष और मोहनपाल अपने घरों में ताले लगाकर भाग गये हैं। अपने दरवाजों पर लिख गए हैं कि यह मकान बिकाऊ है।
अनुसूचित जाति के परिवार ने कहा- ‘दबकर रहने को मजबूर किया जाता है’
घटना के पीछे एक चौंकाने वाला सच सामने आया कि यह तीनो परिवारों ने दहशत में आकर घर छोड़ा है। सतेंद्र के चाचा रामबरन ने बताया कि हम लोगों के सात परिवार गांव में रहते थे। सतेंद्र का एक भाई करीब एक साल पहले आगरा जाकर रहने लगा। अन्य तीन परिवार इस घटना के बाद दहशत में आकर भाग गए हैं। आरोपी दबंग पक्ष करीब डेढ़-दो साल से लगातार झगड़ा कर रहा है। हमें दबकर रहने को मजबूर किया जाता है। झगड़े की रिपोर्ट पुलिस दर्ज नहीं करती। कभी भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सतेंद्र की चाची लक्ष्मी देवी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने पर धमकी दी गई कि 24 घंटे में अंजाम भुगतना होगा। जिससे तीन परिवार बच्चों के साथ गांव छोड़कर चले गए।
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ये कहना है एसडीएम और पुलिस का
कोतवाली देहात प्रभारी शंभूनाथ ने बताया कि आरोपी भागे हुए हैं। गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है। एडीएम प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस कानूनी कार्रवाई और विवेचना कर रही है। यदि पलायन की बात है तो इसे दिखवाकर पीड़ित परिवारों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।