Etawah News: योगी सरकार खोलने जा रही काऊ सफारी, जानिए इसके पीछे की खास वजह

Etawah News: जिला पशु चिकित्साधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि शासन ने इटावा में काऊ सफारी खोलने के लिये हरी झंडी दे दी है।

Report :  Sandeep Mishra
Update: 2022-05-31 07:51 GMT

योगी सरकार खोलने जा रही काऊ सफारी (photo: social media )

Etawah News: सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) अब सफारी पार्क की ही तरह काऊ सफारी (Cow Safari) खोलने की योजना बना रही है। यह काऊ सफारी खोलने के लिये योगी सरकार ने इटावा जिला प्रशासन को हरी झंडी दे दी है। जिला पशु चिकित्साधिकारी की टीमें इटावा के काऊ सफारी के लिये जगह की तलाश करने में जुट गयीं हैं।

शासन से इटावा में काऊ सफारी खोले जाने के लिये पशु चिकित्सा विभाग की टीमें जगह की तलाश में लग चुकी हैं। जिला पशु चिकित्साधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि शासन ने इटावा में काऊ सफारी खोलने के लिये हरी झंडी दे दी है। उन्होंने बताया कि काऊ सफारी के लिये विभाग को 60 एकड़ भूमि चाहिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अशोक गुप्ता के अनुसार काऊ सफारी के लिये इटावा के बीहड़ी इलाके में भूमि देखी जा रही है।

इसलिये खोली जा रही है काऊ सफारी

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने न्यूज ट्रेक से बात करते हुए बताया कि जनपद में जगह जगह खुली गोशालाएं गायों के संरक्षण में वो रोल अदा नहीं कर पा रहीं जो रोल उन्हें अदा करना चाहिये था। इसके साथ ही गोशालाओं के रखरखाव में सरकार का खर्चा भी अधिक हो रहा है। साथ ही गायों को गोशाला में वो सुविधाएं भी नहीं मिल पा रहीं हैं जो गायों को जरूरी चाहिए होतीं हैं।

काऊ सफारी में गायों को मिलेगी हर सुविधा

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गोशाला में गायों को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा नहीं मिल पाता है।साथ काऊ सफारी में पर्याप्त मात्रा में हरा चारा उपलब्ध रहेगा।उन्होंने कहा कि अमूमन गोशाला से बाहर जो भी गायें हैं वे गोशाला की गायों की अपेक्षाकृत काफी स्वस्थ है।उन्होंने बताया कि इसका मुख्यतया कारण यह है कि जो गाय गोशाला में पहुंच जाती हैं वह सिर्फ भूसे पर ही निर्भर रहती है, जबकि हरा चारा गायों को गोशाला में उपलब्ध नहीं हो पाता है ।

गायों की नहीं हो पाती एक्सरसाइज

जिला पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गायों का नेचर रहता है कि वे एक खूंटे से बंधकर नहीं रह पातीं हैं। गायों की प्रवत्ति होती है वे एक खूंटे से बंधकर नहीं रह पाती है। उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखने के लिये उनका खूंटा बदलना पड़ता है, इसके साथ ही गाय घुमक्कड़ प्रवत्ति की होती है।काऊ सफारी में गायों को सफारी के भीतर ही घूमने फिरने की पर्याप्त जगह मिलेगी। ऐसा करने से गाय स्वस्थ रहती है। जबकि गोशाला में गाय एक ही खूंटे से बांध कर रखी जाती है।साथ ही गायों के विचरण करने के लिये भी गोशाला ने पर्याप्त जगह नहीं होती है।गायों के लिये 12 बाई 12 व 50 बाई 50 के क्षेत्र में गाय की एक्सरसाइज कम्प्लीट नहीं होती है।जबकि सफारी पार्क में एक बहुत बड़ा मैदान गायों को घूमने के लिये मिलेगा।साथ ही काऊ सफारी में खाने के लिये दाना, चारा व अन्य चीजें मिलेगी जिससे गाय स्वस्थ रहेगी।

आवारा गायों के लिये बन रहा है काऊ सफारी

जनपद शहर व कस्बों में जो गाय आवारा घूम रहीं हैं। जिन गायों के स्वामी दूध निकालने के बाद गायों को सड़क,गली मोहल्लों में घूमने के बाद आवारा छोड़ देते हैं।गायों को काऊ सफारी में रखा जाएगा।

आतंक का पर्याय बन गयी हैं ये आवारा गाय

अमूमन यह देखा जाता है कि गायों को पालने वाले लोग सिर्फ गायों का दूध निकालने के समय ही उसे चारा पानी देते हैं जबकि उसका दूध निकालने के बाद उसे आवारा छोड़ देते हैं।ये आवारा गाय गांवों में रात के समय एक झुंड में रहती हैं और किसानों की फसलों को उजाड़ देती हैं।जिससे किसान बेहद परेशान रहते हैं।

काऊ सफारी से इस समस्या का होगा निराकरण

हालांकि गोशाला में भी जो आवारा पालतू गाय पकड़ कर गोशाला के सुपुर्दगी में जाती है तो उसे छुड़ाने के लिये गाय स्वामी को एक तय जुर्माना देना होता है लेकिन गौशालाओं में यह नियम सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है।जबकि काऊ सफारी बनने से यह नियम सख्ती से लागू किया जायेगा।

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