Etawah News : साइबर फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, पुलिस ने फरार ठग को किया गिरफ्तार
Etawah News : इटावा में साइबर फ्रॉड मामले में पुलिस ने फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी के पास से कई जरूरी दस्तावेज बरामद हुए, जिसके जरिए लोगों को ठगने का काम किया जाता था।
Etawah News : इटावा में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में पुलिस लगातार कार्रवाई करती हुई दिखाई दे रही है। ऐसा ही कुछ फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में देखने को मिला, जहां पर थाना साइबर क्राइम पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर बताया गया कि 23 दिसंबर की रात को थाना साइबर क्राइम पुलिस और थाना फ्रेंड्स कॉलोनी विजयनगर चौराहे पर गश्त पर थी। तभी अपराधिक सूचना मिलती है कि एक वांछित अभियुक्त तुलसी अड्डा की ओर से कोकपुरा जाने वाले सर्विस रोड पर मौजूद है। सूचना मिलने के बाद थाना क्राइम पुलिस और फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस दोनों मौके पर पहुंच जाती है जहां से फरार अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
पुलिस के द्वारा दो दिन पहले चार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का काम किया गया था। सभी आरोपियों पर आरोप लगा था कि यह लोगों को नौकरी का झूठा झांसा देकर और सस्ते में लोन दिलवाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी किया करते थे और उनके खाते से रुपए निकाल लिया करते थे। मामले में पुलिस ने पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन एक अभियुक्त फरार चल रहा था जिसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए अभियुक्त ने कबूला जुर्म
पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम उदित नारायण जायसवाल है, जो इटावा का ही रहने वाला है। पकड़े गये व्यक्ति की तलाशी ली गई तो कब्जे से 01 मोबाइल, 03 आधार कार्ड, 04 डेबिड कार्ड (भिन्न-भिन्न बैंक), 03 चेक बुक (भिन्न-भिन्न बैंक) बरामद किए गए। पूछताछ आरोपी ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर आम जनमानस को बैंक से सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने एवं सूक्ष्म/लघु/मध्यम उद्योगों में रजिस्ट्रेशन करवाकर रोजगार दिलवाने के नाम पर खाता खुलवाते हैं, उनके नाम पर इन खातों से लिंक मोबाइल सिम कार्ड भी निकलवा लेते हैं और बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी खातों की किट (चैकबुक/पासबुक/एटीएम कार्ड) के यूजर आईडी पासवर्ड व बैंक में लगे सिम कार्ड को उनसे लेकर टेलीग्राम एप्प पर बने ग्रुप E-PAY, ZED-PAY पर खातों की सम्पूर्ण जानकारी भेज देते हैं, जिसके उपरान्त उन खातों में साइबर फ्रॉड का रूपया आता है।
उसका लाभ इन दोनों एप्प के संचालक लेते हैं, जिस पर हमें कमीशन रूप में एक खाता उपलब्ध कराने का 70,000 से 1,00,000 रुपए तक मिलते हैं। इसके अतिरिक्त एक से डेढ़ प्रतिशत रूपये कम्पनी के द्वारा भी हमें लाभ के रूप में दिया जाता है। वहीं पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की और उसे जेल पहुंचाया।