भगवान के रूप में 'शैतान' ! डॉ.समीर सर्राफ गिरफ्तार, 600 से अधिक मरीजों को लगाया था डुप्लीकेट पेसमेकर

Doctor Samir Sarraf Arrest : यूपी के इटावा जिले की सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात डॉ.समीर सर्राफ को डुप्लीकेट पेसमेकर लगाने के जुर्म में गिरफ्तार।

Report :  aman
Update:2023-11-09 20:56 IST

Doctor Samir Sarraf Arrested (Social Media)

Doctor Samir Sarraf Arrest : 'धरती का भगवान' जैसे उपनाम को बदनाम करने वाले सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी (UPUMS Saifai) के कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ.समीर सर्राफ को गुरुवार (09 नवंबर) को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डॉ.समीर सर्राफ पर 600 से अधिक लोगों का ऑपरेशन कर नकली पेसमेकर लगाने का आरोप है। डॉक्टर का ये खेल फरवरी 2022 से चल रहा था।

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी (Saifai Medical University) में गरीबों के साथ ऐसा खेल हुआ जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। आप सोचिए एक डॉक्टर लालच में इतना अंधा हुआ कि, ऐशोआराम और पैसा कमाने की हवस में उसने गरीबों की जान तक की परवाह नहीं की। 600 लोगों को नकली पेसमेकर लगाकर उसने उनकी जिंदगी के साथ खेला। 

कंपनियों के पैसों पर की कई विदेश यात्रायें

डॉ.समीर सर्राफ की गिरफ़्तारी के बाद यूपी पुलिस ने मीडिया से बात की। जिसमें बताया कि, मरीजों को नकली पेसमेकर लगाने के लिए कंपनियों के साथ समझौता किया गया था। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर मरीजों से पैसे वसूले जाते थे। वहीं, कंपनियों के दिए पैसों से अब तक 8 देशों की यात्राएं की। पुलिस ने बताया यूनिवर्सिटी में मेडिकल उपकरण खरीदने के नाम पर लगभग ढाई करोड़ रुपए का घोटाला किया था। राजपत्रित अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की जांच में डॉक्टर समीर सर्राफ दोषी पाए गए।

जापान में मनाया बेटे का जन्मदिन

इस डॉक्टर को अय्याशी की ऐसी आदत लगी कि, विदेश घूमने की उसे लत लग गई। जापान में बेटे का जन्मदिन मनाने लगा। पैसों का नशा इस कदर चढ़ा कि गरीबों को लूटने में हाथ लगा दिया। वर्षों से चल रहे इस खेल के खिलाड़ी और दिल के डॉक्टर समीर सर्राफ ने गरीबों की जमा पाई-पाई लूटने में कोई गुरेज नहीं की। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में करीब 600 मरीजों को नकली पेसमेकर लगाए। इनमें 200 से अधिक मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया। पुलिस जांच में इसका खुलासा हुआ। 

जानें क्या है मामला?

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग में काम करने वाले डॉ.समीर सर्राफ ने मरीजों को नकली पेसमेकर SGPGI की तय कीमत से अधिक और कई गुना रेट पर मरीजों को लगाया था। इसकी शिकायत एक मरीज ने की। संस्थान के प्रशासन को जानकारी मिली तो सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी जांच कमेटी का गठन किया। जांच कमेटी ने पूरे मामले में भ्रष्टाचार पाया। ये भी पता चला कि, तय कीमत से 9 गुना अधिक कीमत वसूले गए थे। इसके बाद सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक्सपर्ट की राज्य स्तरीय एक बड़ी जांच टीम गठित की। यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव सुरेश चंद शर्मा (Suresh Chand Sharma) ने तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. आदेश कुमार को पत्र लिखकर कहा था कि ये मामला अस्पताल से जुड़ा है।

करोड़ मूल्य की अनावश्यक चीजें भी खरीदी

जांच में पता चला कि, डॉ. समीर सर्राफ सहित अन्य लोगों ने साल 2019 में करीब एक करोड़ मूल्य की अनावश्यक चीजें खरीदी। इसमें लाखों रुपये की धांधली हुई। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई स्तर पर जांच के बाद इस धांधली की पुष्टि के बाद पेमेंट भी रोका था।

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