भक्तों ने तोड़ा नियम: ये गलती पड़ सकती है बहुत भारी, कोरोना का बढ़ता जा रहा प्रकोप
कोरोना काल में सोशल डिस्टनसिंग पर भारी पड़ी भक्त्तों की आस्था, लखना के प्रसिद्ध ऐतिहासिक कालका देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी हज़ारो की भीड़, वहीं अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के दरवाज़ों को प्रशासन के द्वारा बंद कराया गया।
इटावा: कोरोना काल में सोशल डिस्टनसिंग पर भारी पड़ी भक्त्तों की आस्था, लखना के प्रसिद्ध ऐतिहासिक कालका देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी हज़ारो की भीड़, वहीं अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के दरवाज़ों को प्रशासन के द्वारा बंद कराया गया। मंदिर पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है, बावजूद इसके मंदिर बंद होने के बाद भी बड़ी संख्या में लोग मंदिर के बाहर दर्शन करने पहुँच रहे है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मजबूरी में मंदिर के कपाट को बंद कराया गया है।
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250 वर्ष पुराने ऐतिहासिक कालिका देवी मां काली मंदिर
इटावा के लखना कस्बे में 250 वर्ष पुराने ऐतिहासिक कालिका देवी मां काली के मंदिर की स्थापना राजा जसवंत सिंह ने की थी। मंदिर में इटावा ही नही आस पास के कई जिलों के लोग खास तौर पर पूर्वांचल से भी लोग मंदिर में मां काली के दर्शन करने आते है। लेकिन कोरोना काल मे जहां सरकार की तरफ से धार्मिक स्थलों पर केवल 5-5 लोगो को जाने की परमिशन दी गई है।
वहीं आज सुबह मंदिर पर दर्शन के लिए हज़ारो की संख्या में लोग पहुंच गये। जिससे मंदिर प्रशासन के लोगो के हाथ पांव फूल गये। जब भीड़ नियंत्रण न होते दिखी तब पुलिस को बुलाकर मजबूरी में मंदिर को बन्द करवाना पड़ा एवं लोगो को वापिस जाने के लिए कहा गया लेकिन फिर भी लोग थोड़ी थोड़ी संख्या में मंदिर पर आते रहे एवं पुलिस के मना करने के बाद भी मंदिर के मुख्य गेट के सामने प्रसाद चढाते रहे।
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दरअसल आज शनिवार के दिन आषाढ़ माह में मंदिर में विशेष पूजा होती है। जिसमे नव विवाहित जोड़े एवं मन्नत से पैदा हुए बच्चो का मुंडन का कार्यक्रम रखा जाता है। जिसके चलते आस पास के जनपदों से बड़ी संख्या में लोग मां काली से मन्नत में मांगे गए बच्चो को एवं नवविवाहित जोड़े बड़ी संख्या में पहुंच गए थे। जिसके चलते मंदिर के कपाट को बंद करवाना पड़ा।
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