पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की सियासत में एंट्री, 'अधिकार सेना' नाम से बनाई राजनीतिक पार्टी

अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर थे । विवादों से उनका पुराना नाता रहा है। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव फिर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ उन्होंने समाजिक और आपराधिक घटनाओं के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

Update:2022-06-25 14:50 IST

Ex IPS Amitabh Thakur forms political party 

Adhikar Sena: पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) अब नई पारी खेलने का एलान कर दिए हैं। यूपी चुनाव के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले ठाकुर को जेल जाना पड़ा था। अमिताभ ठाकुर ने अब सियासत में कदम रख दिया है। उन्होंने 'अधिकार सेना' (Adhikar Sena) नाम से नए राजनीतिक दल का गठन किया है। अभिताभ ठाकुर ने अपना एक वीडियो जारी कर कहा है कि 'हम साथियों ने मिलकर 'अधिकार सेना' नाम से नए राजनीतिक दल के गठन का निर्णय लिया है।

इस राजनीतिक दल का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक में यह भावना को प्रबल करना है कि संविधान और कानून प्रदत समस्त अधिकार मात्र और मात्र उन्हीं के हैं। उन्हें कार्यपालिका ने जबरदस्ती अपने कब्जे में कर लिया है। पार्टी प्रत्येक वैधानिक और संवैधानिक तरीके से आम नागरिकों के हितों की रक्षा और अत्याचार, भ्रष्टाचार, अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से वैधानिक कार्य करेगी।

अमिताभ ठाकुर को जानिए?

अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर थे । विवादों से उनका पुराना नाता रहा है। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव फिर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ उन्होंने समाजिक और आपराधिक घटनाओं के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

इसके चलते वह सरकार के निशाने पर रहे और 17 मार्च 2021 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के स्क्रीनिंग में अनुपयुक्त पाने जाने के बाद यूपी के गृह विभाग को उन्हें वीआरएस देने का आदेश दिया गया था। जिसके बाद अमिताभ ठाकुर को 'जबरन रिटायर' कर दिया गया था।

अमिताभ ठाकुर का जन्म बोकारो (बिहार-झारखंड) में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से की। इसके बाद आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की। आईपीएस बनने के बाद वह उत्तर प्रदेश के सात जिलों बस्ती, देवरिया, बलिया, महाराजगंज, गोंडा, ललितपुर और फीरोजाबाद में कप्तान रहे। अमिताभ ठाकुर ने डीआईजी और फिर आईजी के रूप में सेवाएं दीं। वह कवि, लेखक और एक एक्टिरविस्ट के रूप में भी जाने जाते हैं। नेशनल आरटीआई फोरम के संस्थापक भी हैं। अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और वकील हैं।

अगस्त 2021 में हुए थे गिरफ्तार

वीआरएस मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और उन्हें अगस्त 2021 में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इस दौरान हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ था। अमिताभ ठाकुर ने गिरफ्तारी का विरोध किया और एफआईआर की कॉपी देखे बिना जीप के अंदर बैठने से इनकार कर दिया। उन्हें 14 मार्च 2022 को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आए। अब नई सियासी पार्टी बनाकर अगली पारी राजनीति में खेलने के लिए कमर कस लिए हैं।

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