Lucknow: केडी सिंह बाबू स्टेडियम में महिला खिलाड़ियों का शोषण, आरपी सिंह व आनंदेश्वर पांडेय की हो बर्खास्तगी
Lucknow News: आनंदेश्वर पांडे के खिलाफ 28 अगस्त, 2022 को राजस्थान के भिवंडी महिला पुलिस थाना में 26 मार्च, 2022 की घटना को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था।
Lucknow News: राजधानी के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में निवास कर रहे भारतीय ओलंपिक संघ के कोषाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जिसके मद्देनजर, बुधवार को डिप्लोमा धारक खेल प्रशिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर खेल निदेशक आरपी सिंह, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अजय कुमार सेठी और उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव आनंदेश्वर पांडे को बर्खास्त करने की मांग की है।
महिला खिलाडियों का हो रहा शारीरिक शोषण
एसोसिएशन के सचिव विकास यादव ने कहा कि इस पूरी घटना से एक बात तो यह सिद्ध होती है कि केडी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ में महिला खिलाडियों का शारीरिक शोषण हो रहा है या महिला खिलाड़ी सुरक्षित नहीं है। विकास यादव ने बताया कि 12 अगस्त, 2022 को मेरे द्वारा एक शिकायत पत्र दिया गया था, जिसमें मैंने उत्तर प्रदेश संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे की आपत्तिजनक हालत में वायरल हुई फ़ोटो की शिकायत मेरे द्वारा की गई थी। जिस पर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी लखनऊ मंडल अजय कुमार सेठी ने अपनी प्रारंभिक आख्या प्रस्तुत की है।
जिसमें उन्होंने घटना की जांच उत्तर प्रदेश संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे को ही दे दी, जो स्वयं उस घटना का दोषी है। इस सब घटना से यह सिद्ध होता है कि केडी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ में सभी घटना बिना खेल निदेशक आरपी सिंह की जानकारी से घटित नहीं हो सकती। यानी उनकी भी संलिप्तता इन सभी प्रकरण में बराबर की है और इस कारण केडी सिंह बाबू स्टेडियम का नाम खेल जगत में बदनाम हो रहा है और अभिभावक अपनी बेटियों को प्रशिक्षण हेतु भेजने को तैयार नहीं हो रहे।
आनंदेश्वर पांडेय पर रेप का केस
गौरतलब है कि आनंदेश्वर पांडे के खिलाफ 28 अगस्त, 2022 को राजस्थान के भिवंडी महिला पुलिस थाना में 26 मार्च, 2022 की घटना को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसे घटना स्थल हजरतगंज होने की वजह से इस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया। बता दें कि एक महिला खिलाड़ी ने आनंदेश्वर पांडे पर दुष्कर्म का प्रयास व धमकाने का आरोप लगाया है। साथ ही, इस संदर्भ में भारतीय दंड संहिता की धारा-376, 511 व 506 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी।