Sonbhadra News: सोनभद्र में क्रशर प्लांटों से थमाई जा रही फर्जी परमिट, प्लांट संचालक सहित अन्य पर एफआईआर
Sonbhadra News: फर्जी परमिट के जरिए गिट्टी परिवहन के चल रहे खेल में, क्रशर प्लांटों से फर्जी परमिट थमाए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
Sonbhadra News: फर्जी परमिट के जरिए गिट्टी परिवहन के चल रहे खेल में, क्रशर प्लांटों से फर्जी परमिट थमाए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। यह खेल तब पकड़ में जाया, जब वाहन स्वामी ने खुद आगे आकर खान महकमे को सूचना दी। हैरत में डालने वाली बात यह है कि मौके पर खान विभाग की टीम पहुंचने से पहले, इसकी खबर संबंधित क्रशर प्लांट तक पहुंच गई। आरोप है कि क्रशर प्लांट संचालक और उनके साथ के लोगों ने, परमिट चेक कराने जा रहे चालक को रास्ते में रोककर उससे परमिट छिनने की भी कोशिश की। फिलहाल इस मामले में क्रशर प्लांट संचालक सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना की धाराओं के साथ ही खान अधिनियम और संपत्ति नुकसानी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
महज एक साल के भीतर सामने आया फर्जी परमिट का चैथा मामला
महज एक साल के भीतर, यूपी सरकार की माइंस से जुड़ी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट के जरिए फर्जी परमिट जारी करने का यह चैथा मामला सामने आया है। बावजूद, इससे जुड़े पूरे रैकेट का अब तक खुलासा न होने और इस पर रोक न लग पाने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बताते चलें कि एक तरफ जहां प्रशासन की तरफ से गठित संयुक्त टीम की तरफ से हो रही चेकिंग रोजाना बगैर परमिट और ओवरलोड परिवहन का मामला सामने आया है। वहीं सख्ती के बावजूद, बगैर नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ते वाहन, खान महकमे की सख्ती के दावों पर भी सवाल खड़े किए हुए हैं। ताजा मामला परमिट फर्जीवाड़े का सामने आया है। जिस तरह से इसका खुलासा हुआ है, उसने खान महकमे में अंदरखाने हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है। कहा जा रहा है कि तीन दिन पूर्व सामने आए इस मामले में एफआईआर तब दर्ज कराई गई, जब ट्रांसपोर्टरों से जुड़े यूनियन के लोग भी इस मामले को लेकर आगे आ गए।
यह है पूरा घटनाक्रम, जिससे सामने आया नया खुलासा
शाहगंज थाना क्षेत्र के ढुटेर निवासी रामसकल ने ट्रक संख्या यूपी-64-एटी-8989 लेकर गत 26 मार्च को ओबरा क्षेत्र के बारी डाला स्थित आरती स्टोन क्रशर पर पहुंचा। यहां उसने गिट्टी लोड की और सेल इनवायस तथा एम-एम11 लेकर गंतव्य के लिए निकल लिया। परमिट के जरिए जिला मुख्यालय से आगे बढ़ गया लेकिन जो परमिट चालक को दिया गया था, उसकी फोटो वाट्सअप पर मंगाकर देखने पर, वाहन स्वामी सरफराज को शक हो गया। उसने परमिट को फर्जी होने का शक जताते हुए, चालक को ट्रक को वापस लोढ़ी स्थित खनिज चेक पोस्ट पर ले जाकर चेक कराने को कहा। यह बात किसी तरह संबंधित स्टोन क्रशर संचालक को मालूम है। आरोप है कि चार पहिया वाहन से पहुंचे क्रशर संचालक और उसके साथ के लोगों ने रास्ते में ट्रक को घेरकर सेल इनवायस और एम-एम11 को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की।
वाहन मालिक की सूचना पर, मौके पर खान निरीक्षक ईश्वर चंद और सर्वेक्षक योगेश शुक्ला की अगुवाई वाली टीम पहुंची तो आारोपी वहां से खिसक लिए। चेकिंग में परमिट, यूपी सरकार की माइंस वेबसाइट से किसी दूसरी वेबसाइट से जारी किया जाना पाया गया। मामले में राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने धारा 379, 353, 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी, यूपी उपखनिज परिहार नियमावली, खान एवं खनिज अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम से जुड़ी धाराओं में एफआईआर दर्ज ली। पुलिस के मुताबिक प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है।
इस पूरे मामले पर यहां उठ रहे सवाल
खान विभाग की तरफ से दी गई जानकारी पर गौर करें तो इससे पहले 13 मई 2022, 21 मई 2022 और छह दिसंबर 2022 को भी फर्जी वेबसाइट बनाकर परमिट जारी करने का मामला सामने आ चुका है। बावजूद इससे जुड़े रैकेट का अब तक बेनकाब न होना, फर्जी परमिट के जरिए गिट्टी लोडिंग का सिलसिला बने रहने को लेकर तरह-’तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं एक बड़ा सवाल यह भी है कि चोपन से राबटर्सगंज के बीच लाखों की लागत से तीन जगहों पर उच्च क्वालिटी वाले एम-चेक कैमरे भी लगाए गए हैं, बावजूद फर्जी परमिट वाली गाड़ियां, इन कैमरों की नजर से बच कैसे रही हैं? यह मसला खान महकमे के जिम्मेदारों के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है। इसको लेकर ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार और खान निरीक्षक ईश्वर चंद दोनों लोगों ने उनके फोन पर संपर्क कर जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।